महाराष्ट्र

90 प्रतिशत रिक्शा परवाना धारक मदद से रहेंगे वंचित

मुंबई/ दि.१५ – राज्य के 12 लाख रिक्शा परवाना धारकों को डेढ हजार रुपए आर्थिक मदद देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने मंगलवार को की है. फिर भी पूरे 90 प्रतिशत रिक्शा परवाना धारक मदद से वंचित रहेंगे, इस तरह का दावा मुंबई आटो रिक्शा व टैक्सी चालकों के संगठनों ने किया है. मुंबई टैक्सी मेन्स युनियन के अध्यक्ष एन्थोनी क्वाड्रोस ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने केवल डेढ हजार रुपए की मदद रिक्शा परवाना धारकों को घोषित की है. इससे उल्टा इस मदद में टैक्सी परवाना धारकों का समावेश नहीं किया गया. रिक्शा की तुलना में टैक्सी में ज्यादा यात्री बैठते है और उनका किराया दर भी ज्यादा है. इसी तर्ज पर टैक्सी चालकों का नुकसान भी ज्यादा है. दिल्ली सरकार ने रिक्शा चालकों के खाते पर महिना 5 हजार रुपए डाले है तथा आंध्रप्रदेश सरकार ने प्रति 3 हजार तथा उत्तर प्रदेश सरकार ने रिक्शा चालकों को प्रति 2 हजार रुपए की मदद की है. राज्य सरकार ने भी 5 हजार रुपए के तत्काल मदद की घोषणा टैक्सी परवाना धारक व चालकों को देनी चाहिए, इस तरह की मांग क्वाड्रोस ने की.
मंदी के दौरान महावारी 10 हजार रुपए मदद की मांग की है. केवल डेढ हजार रुपए की मदद यानी रिक्शा चालकों के साथ मजाक रहने की प्रतिक्रिया आटो रिक्शा मेन्स युनियन के अध्यक्ष शशांक राव ने दी. मंदी के दौरान सभी निजी कार्यालय, बाजारपेठ, मनोरंजन के साधन व पर्यटन स्थल बंद रहते समय रिक्शा निकालना किसके लिए उसी में एक महिने में डेढ हजार रुपये यानी दिन में 50 रुपए इसमें घर कैसे चलाना, इस तरह का प्रश्न राव ने पूछा है.

  • राज्य की रिक्शा व टैक्सी की संख्या

– राज्य में 12 लाख रिक्शा परवाना धारक है. उसमें से 80 प्रतिशत परवाना धारक स्वयं चालक है.
– इसके अलावा और 4 लाख ब्याज धारक है. वे अन्य मालकों की रिक्शा किराये से चलाते है.
– रिक्शा व्यवसाय का 16 लाख से ज्यादा परिवार का रोजगार निर्भर है.
– मुंबई समेत राज्य में ठाणे, नाशिक इस तरह कुल मिलाकर 80 हजार टैक्सी परवाना धारक है. उसमें मुंबई के 55 हजार टैक्सी का समावेश है.

  • रिक्शा चालक आंदोलन करेंगे

राज्य की 20 प्रतिशत रिक्शा यह पतपेढी, बैंक व अन्य वित्तीय संस्थाओं ने जब्त की है. इससे उल्टा 50 प्रतिशत से ज्यादा रिक्शा चालकों के घर वसूली के लिए कर्जदार चक्कर मार रहे है. सरकार ने ब्याज समेत कर्जमाफी नहीं दी तो कोरोना का जोर कमजोर होते ही राज्य के रिक्शा चालक व मालक बडा आंदोलन करेंगे.
– शशांक राव, रिक्शा चालक मालक के नेता

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