मुंबई/दि.26 – ग्राम पंंचायतों को विविध विकास कामों के लिए मिलनेवाले 15 वें वित्त आयोग की निधी में से 25 फीसदी निधी कोविड उपाययोजनाओं पर खर्च की जायेगी. यह निधी केंद्र सरकार की ओर से दी जाती है. ऐसे में कोविड प्रतिबंधात्मक उपायों के लिए अलग से निधी देने की बजाय उन्हें 15 वें वित्त आयोग के तहत मिलनेवाली निधी से ही आवश्यक प्रावधान किये जा रहे है.
राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता के तहत मंत्रालय में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. गौणखनिज निधी में से 15 प्रतिशत निधी स्वास्थ्य संबंधी खर्च के लिए प्रयोग में लाया जायेगा. साथ ही हर एक गांव में 30 बेड का कोविड केयर सेंटर स्थापित किया जायेगा. इस फैसले के चलते 15 वे वित्त आयोग के 215 करोड रूपये कोविड प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाओं के लिए उपलब्ध होंगे.
इसके साथ ही इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि, कोविड संक्रमितों के संपर्क में आनेवाले हाईरिस्क व लो रिस्क व्यक्तियों की कोविड टेस्ट पर जोर दिया जाये. महात्मा ज्योतिबा फुले जनआरोग्य योजना अंतर्गत म्युकर मायकोसिस की बीमारी पर नि:शुल्क इलाज करनेवाले 131 अस्पतालों की सूची प्रकाशित की जाये और राज्य के सभी अस्पतालों में ऑक्सिजन, इलेक्ट्रिकल व फायर ऑडिट तत्काल किया जाये. इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, अन्न व औषध प्रशासन मंत्री डॉ. राजेंद्र शिंगणे तथा मुख्य सचिव सीताराम कुंटे उपस्थित थे.