माप में पाप करनेवालों से 6 लाख का दंड वसूल

अमरावती /दि.2- अक्सर ही हर कोई बाजार जाकर साग-सब्जी, किराणा व मिठाई सहित खाद्यपदार्थों की खरीदी करता है और ऐसी खरीददारी करते समय उनकी तराजू पर नापतौल की जाती है. परंतु कई बार कुछ विक्रेताओं द्वारा अपने तराजू एवं वजन काटे में गडबडी करते हुए ‘डंडी मारने’ का काम करते है. ऐसे में इस तरह से माप में पाप करनेवालों लोगों के खिलाफ वैधमापन शास्त्र विभाग द्वारा करते हुए उनके करीब 6 लाख रुपए का दंड वसूल किया गया है.
* पत्थर-गोटे का वजन के तौर का प्रयोग
साप्ताहिक बाजारो में कुछ विक्रेता प्रमाणित वजन काटे की बजाए साग-सब्जी व किराणा साहित्य के नापतौल करने हेतु पत्थर या फर्श के टुकडों का प्रयोग करते है. ऐसे विक्रेताओं से साहित्य खरीदी करना टाला जाना चाहिए.
* शिकायत करे, नाम रहेगा गुप्त
व्यापारी अथवा उत्पादक द्वारा जालसाजी किए जाने पर संबंधितो के खिलाफ वजन-माप अधिनियम 2001 के तहत कार्रवाई की जाती है. साथ ही वैधमापन शास्त्र विभाग में लिखित शिकायत करनेवाले लोगों के नाम भी गुप्त रखे जाते है.
* प्रति वर्ष करना होता है नूतनीकरण
वजन-माप लाईसेंस का निश्चित कालावधि के बाद नूतनीकरण करना होता है और ऐसा नहीं करनेवालों के खिलाफ वैधमापन शास्त्र विभाग द्वारा कार्रवाई की जाती है. जारी वर्ष के दौरान वजन-माप मामले के 38 व आवेष्टित वजन-माप मामले के 39 प्रकरण दर्ज किए गए. जिनके जरिए 6 लाख 13 हजार 700 रुपए का दंड भी वसूल किया गया.
* 1.43 करोड का मुद्रांकन शुल्क वसूल
वैधमापन शास्त्र विभाग द्वारा जिले की सभी दुकानों की जांच-पडताल की जाती है और वर्ष 2024-25 के दौरान जिले की दुकानों में वजनमाप पडताल व मुद्रांकन शुल्क वसूली के जरिए 1 करोड 43 लाख 19 हजार 405 रुपए का राजस्व पाया गया.
* सभी विक्रेताओं ने अपने ग्राहकों को नियमानुसार वजन काटे के मुताबिक ही नापतौल कर वस्तु बेचनी चाहिए. साथ ही प्रमाणित वजन काटों का प्रयोग करना चाहिए. साथ ही वजन काटे को लेकर कोई भी शिकायत रहने पर नागरिकों ने विक्रेता से पूछताछ करनी चाहिए और इस बारे में वैधमापन शास्त्र विभाग के पास शिकायत दर्ज करानी चाहिए.
अनिल तोटे
उपनियंत्रक, वैधमापन शास्त्र विभाग.