अमरावतीमहाराष्ट्र

अनाथ बालिग मतिमंदो के लिए बनेगा कानून – शंकरबाबा पापळकर

वझ्झर के अनाथो के नाथ’ पद्मश्री पापलकर को पीएम ने दिया वचन

अमरावती/दि. 11– जिले के वझ्झर के दिव्यांग व मतिमंद आश्रम के संत शंकरबाबा पापलकर ने दिल्ली में पद्मश्री पुरस्कार मिलने के बाद बीबीसी को दिए अपने साक्षात्कार में कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें वचन दिया है कि, 18 वर्ष से अधिक आयु के अनाथ, मतिमंद व दिव्यांग बच्चो के लिए कानून बनाया जाएगा. पापलकर ने कहा कि, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड ने भी लावारिस मतिमंदो की परेशानी को ज्वलंत प्रश्न बताया और कहा कि, इस पर कानून जरुर बनाया जाएगा.

गौरतलब है कि, 9 मई को राष्ट्रपति भवन में शंकरबाबा को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया था. सम्मान समारोह के बाद शंकरबाबा ने कुछ समय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की. बीबीसी को दिए अपने साक्षात्कार में शंकरबाबा ने बताया कि, उनकी दो सेकंड के लिए पीएम मोदी से मुलाकात हुई. इस दौरान प्रधानमंत्री ने मेरे हाथ अपने हाथो में लेकर कहा कि, तुम्हारे बच्चों के लिए मैं कानून जरुर बनाऊंगा. शंकरबाबा ने कहा कि, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड ने भी कहा कि, इन बच्चो की समस्या एक ज्वलंत प्रश्न है और इस पर कानून जरुर बनाया जाएगा. शंकरबाबा ने आगे कहा कि, दिव्यांग और मतिमंद बच्चो के लिए 18 वर्ष तक सरकारी बालगृह है. लेकिन 18 वर्ष के बाद उन्हें बालगृह से निकाल दिया जाता है. सरकार कहती है कि, यह बालिग हो गए है. लेकिन कोई मुझे समझाए कि क्या लावारिस मतिमंद 18 साल में बालिग हो जाता है? 18 साल के बाद इन बच्चों का कोई वाली नहीं रहता और ये इधर से उधर भटकते रहते है. इनमें कुछ नेत्रहीन मतिमंद है तो कुछ मूकबधिर मतिमंद है. इन बच्चों के दर्द को कोई नहीं समझता है.

* दिव्यांग मंत्रालय समझेगा वझ्झर मॉडल
अनाथो के नाथ शंकरबाबा पापलकर ने यह भी कहा कि, दिव्यांग मंत्रालय के सचिव अग्रवाल ने हमारे वझ्झर मॉडल को समझने के लिए एक घंटे का समय दिया है. मुझे विश्वास है कि, इसके बाद इन बच्चो के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया जरुर शुरु होगी.

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