महाराष्ट्र

हर दो दिन में एक पुलिस जवान की मौत

मुंबई में 5 साल में 821 जवानों ने गंवाई जान

* सर्वाधिक मृत्यु दिल का दौरा पडने से
* कोरोना से 23 जवानों ने तोडा दम
मुंबई/ दि. 17- आतंकवादियों के हमेशा निशाने पर रहनेवाले मुंबई महानगर में पुलिस का काम चुनौती भरा रहता है. अपराधों पर नियंत्रण रखने, कानून सुव्यवस्था रखने, यातायात नियम, संदिग्ध गतिविधियों पर नजर आदि महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते समय पुलिस जवानों पर आनेवाला तनाव और स्वास्थ्य की तरफ हो रही अनदेखी के कारण पुलिस कर्मचारी विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ रहे है. पिछले 5 साल में मुंबई में 821 जवानों की मृत्यु हुई है. औसतन देखा जाए तो हर दो दिन में एक जवान की मृत्यु हो रही है.
समय पर खाना नहीं खाना, ड्यूटी अनियमित रहने के कारण रक्तदाब, शुगर जैसी बीमारी की चपेट में पुलिस जवान आ गये है. सर्वाधिक 168 मृत्यु हृदयविकार संबंधी विभिन्न बीमारियों की है. केवल कोरोना से मुंबई पुलिस दल के 123 जवानों की मृत्यु हुई है. पुलिस के स्वास्थ्य का मुद्दा हमेशा ही अनदेखा रहा है. वर्ष 2018 से 2023 तक 5 साल और 4 माह की कालावधि में 821 पुलिस जवानों की विभिन्न बीमारी से मृत्यु हुई है. मुंबई हमेशा किसी न किसी कारण से भीड भरी रहती है. राज्य की राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र स्थान और वित्तीय राजधानी रहने मुंबई में अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों का हमेशा आना जाना शुरू रहता है. राजनीति सभा, उनकी मुलाकात के लिए बंदोबस्त, उन्हें सुरक्षा देने की जिम्मेदारी पुलिस जवानों पर रहती है. सभी धर्मियों के त्यौहार बडे धूमधाम से मनाए जाते है. इस दौरान पुलिस के अवकाश रद्द किए जाते है और 8 घंटे ड्यूटी करने के आदेश रहते है. लेकिन इस पर अमल होते दिखाई नहीं देता. ऐसे में मुंबई की आबादी की तुलना में मुंबई पुलिस जवानों की संख्या कम है. इन सभी बातों का तनाव पुलिस पर ही आता है और इसका विपरित परिणाम उनके स्वास्थ्य पर होता दिखाई देता है.
* मामूली उपक्रम
पुलिस कल्याण विभाग की तरफ अनेक स्वयंसेवी संस्था द्बारा पुलिस और उनके परिवार के लिए वैद्यकीय शिविर और कार्यशाला का आयोजन किया जाता है. लेकिन ऐसे उपक्रमों की संख्या काफी कम रहती है. साथ ही पुलिस कर्मचारियों की तरफ से भी चाहिए उतना प्रतिसाद इन कार्यक्रमों को नहीं मिलता है.

 

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