85 हजार में नीलाम हुई बहिरम यात्रा की एक दुकान
यात्रा के इतिहास में लगी अब तक की सबसे बडी बोली
* दुकानों की नीलामी से जिप को हुई 35 लाख से अधिक की आय
परतवाडा /दि.16– राज्य में सर्वाधिक समय तक चलने वाली बहिरम की यात्रा में विविध दुकानें लगाने हेतु जगह की नीलामी पिछले 3 दिनों से चल रही है. बहिरम यात्रा के इतिहास में एक दुकान हेतु अब तक की सबसे बडी बोली लगी. जिसके तहत 10 बाय 10 चौरस फीट की दुकान हेतु 2 हजार रुपए से शुरु हुई बोली करीब 85 हजार रुपए तक जा पहुंची और वह दुकान 85 हजार रुपए की रिकॉर्ड बोली में बिकी. साथ ही शुक्रवार तक जिला परिषद को दुकानों की नीलामी के जरिए 35 लाख रुपए से अधिक की आय हुई थी.
बता दें कि, किसी जमाने में किसानों एवं कृषि सहित्य के लिए प्रख्यात रहने वाली बहिरम यात्रा आगे चलकर तमाशा के लिए कुप्रसिद्ध भी हुई थी. पश्चात अचलपुर क्षेत्र के तत्कालीन विधायक बच्चू कडू ने तमाशा के खिलाफ जनांदोलन खडा करते हुए बहिरम यात्रा को तमाशामुक्त किया था. जिसके चलते बहिरम यात्रा में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम, शंकरपट, रिंगन समारोह व धार्मिक कार्यक्रम होने लगे. जिससे यात्रा का स्वरुप बदल गया.
विशेष उल्लेखनीय है कि, इस वर्ष पहली बार कई संगठनों द्वारा जिप प्रशासन को निवेदन सौंपते हुए बहिरम यात्रा की दुकानें विशिष्ट समाज के लोगों को नहीं दिये जाने की मांग उठाई गई थी. जिसके चलते प्रशासन ने पुलिस बंदोबस्त के बीच ‘इन कैमरा’ पद्धति से दुकानों की निलामी की और बडे पैमाने पर विविध खाद्य पदार्थ व कटलरी के दुकानदारों ने 2 हजार रुपए की सरकारी बोली के साथ नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लिया. जिसके तहत 9 से 14 दिसंबर तक बहिरम यात्रा परिसर में 581 दुकानों की नीलामी हो गई. जिससे जिला परिषद प्रशासन को करीब 35 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ. वहीं शेष 106 दुकानों की नीलामी जल्द की जाएगी.
बता दें कि, करीब डेढ माह तक चलने वाली बहिरम बाबा की यात्रा की शुरुआत आगामी 20 दिसंबर से होने वाली है. यह यात्रा अमरावती जिले सहित समूचे महाराष्ट्र के साथ ही मध्यप्रदेश में भी प्रसिद्ध है और दूरदराज के शहरों से भाविक श्रद्धालु इस यात्रा में हिस्सा लेने आते है. जिसके चलते यात्रा परिसर में विभिन्न जिवनोपयोगी वस्तुओं की दुकानें सजती है. जिनमें मिट्टी से बने बर्तनों की दुकानों को लेकर लोगों का विशेष आकर्षण रहता है तथा लोगबाग भोजन पकाने हेतु यहां से मिट्टी के बर्तनों को खरीदकर ले जाते है.