घर बैठे छह मिनट के वॉक से पता चलेगा फेफडो का हाल
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. प्रदीप व्यास ने कहा
मुंबई/दि.२० – कोरोना से पीडित मरीज की हालत तब ज्यादा बिगडती है जब वायरस फेफडे पर हमला करता है. जिससे सांस लेने में मुश्किल होती है. ऐसे में आप घर बैठे छह मिनट के वॉक टेस्ट के जरिए पता कर सकते हे कि आपके फेफडे सही तरीके से काम कर रहे है या नहीं?
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. प्रदीप व्यास ने इस संबंध में लोगों को जागरुक करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि इस टेस्टे से रक्त में ऑक्सीजन की कमी का पता चल सकता. जरुरतमंद नागरिकों का समय पर अस्पताल में भर्ती करना असंभव होगा.
यदि चलने क छह मिनट के बाद ऑक्सीजन का स्तर 93 प्रतिशत से नीचे चला जाता है. यानि वॉक की शुरुआत के पहले जो लेवल था, उसमे 3 प्रतिशत से ज्यादा की कमी आ जाती या छह मिनट चलने पर सांस फूलने लगे तो यह समझा जाए कि व्यक्ति में ऑक्सीजन की कमी है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए. जिन लोगों को बैठते समय सांस की तकलीफ होती है, उन्हें यह परीक्षण नहीं करना चाहिए. 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग 6 मिनट के बजाय 3 मिनट तक पैदल चलकर इस परीक्षण को कर सकते है.
परीक्षण करने के पूर्व पल्स ऑक्सीमीटर में अंगुली रखकर ऑक्सीजन लेवल जांच कर ले. इसके पश्चात पल्स ऑक्सीमीटर में अंगुली रखकर घर में छह मिनट तक चहलकदमी करे. तेजी से या फिर बहुत धीरे-धीरे न चले बल्कि संयत रुप से चले. छह मिनट तक चलने के बाद, ऑक्सीजन के लेवल पर फिर से ध्यान दें. छह मिनट चलने से ऑक्सीजन लेवल कम नहीं हुआ तो कि आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. अगर ऑक्सीजन के स्तर में एक या दो फीसदी की कमी हुई तो फिक्र न करते हुए दिन में फिर से दो बार इसी प्रक्रिा को दोहराए देखे कुछ बदलाव हो रहा है अथवा नहीं.
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किसे करना चाहिए टेस्ट
बुखार, सर्दी, खांसी या जिनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे है अथवा होम आइसोलेशन में रहने वाले रोगी यह टेस्ट करें.