अल्पवयीन से दुराचार मामले में आरोपी को 20 साल की सजा
जलगांव जिला अदालत ने सुनाया फैसला

जलगांव/दि.16– एक अल्पवयीन लडकी के साथ दुराचार करने के साथ ही उसे गर्भवती बनाने के मामले में जलगांव की जिला अदालत ने आरोपी युवक को 20 साल के सश्रम कारावास और 30 हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. दुराचार मामले में यह किसी भी अदालत द्वारा सुनाई गई सबसे बडी सजा मानी जा रही है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक चालीसगांव तहसील के एक गांव में रहनेवाली अल्पवयीन लडकी पर उसके ही गांव में रहनेवाले रविंद्र उर्फ रितेश बापु निकुंभ ने दुराचार किया था. जिसके चलते वह नाबालिग लडकी गर्भवती हो गई थी. इस मामले को लेकर चालीसगांव शहर पुलिस थाने में रविंद्र निकुंभ के खिलाफ अपराध दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार किया गया था. पश्चात मामले को लेकर जलगांव की जिला अदालत के समक्ष चार्जशीट पेश की गई. जहां पर न्या. बी. एस. महाजन की अदालत के समक्ष मामले की सुनवाई चली. विशेष उल्लेखनीय है कि, इस मुकदमे की सुनवाई जारी रहने के दौरान ही उक्त अल्पवीयन पीडिता बालिग हो गई थी और उसका विवाह भी करा दिया गया था. लेकिन विवाह के बाद लंबी बीमारी के चलते पीडिता की मौत हो गई. ऐसे में अदालत के सामने उसकी गवाही दर्ज नहीं हो सकी. जिसके चलते पीडिता के पिता व स्वास्थ्य अधिकारी सहित कुल 12 गवाहों के बयान बेहद महत्वपूर्ण माने गये और अदालत ने रविंद्र उर्फ रितेश बापू निकुंभ को दोषी करार देते हुए विभिन्न धाराओं के तहत 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष सरकारी वकील एड. चारूलता बोरसे ने पैरवी की. जिन्हें पैरवी अधिकारी के तौर पर दिलीप सत्रे ने सहयोग किया.