मुंबई/दि.23- मुंबई उच्च न्यायालय ने एसटी हड़तालियों सहित निलंबित कर्मचारियों पर काम पर उपस्थित होने के लिए 22 अप्रैल तक का समय दिये जाने के बाद भी अब तक 6 हजार कर्मचारी काम पर उपस्थित नहीं हुए. अनुपस्थित कर्मचारियों के खिलाफ महामंडल आक्रमक होने के साथ ही इन कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी. सिल्वर ओक पर हमला करने वाले कर्मचारियों को फिर से सेवा में न लिए जाने बाबत महामंडल ने स्पष्ट किया है.
एसटी की हड़ताल से पूर्व यानि 30 सितंबर 2021 को महामंडल में 1,26,139 मंजूर कर्मचारी पद में से 92,266 कर्मचारी उपस्थित थे. यह सभी कर्मचारी हड़ताल में सहभागी हुए थे. 22 अप्रैल को 82,360 कर्मचारी काम पर उपस्थित हुए हैं. बडतर्फ कर्मचारियों की विभाग नियंत्रक के समक्ष सुनवाई के बाद उन्हें आगार प्रमुख के पास उपस्थिति लगानी पड़ती है. पश्चात उनकी वैद्यकीय जांच होती है. कई समय तक स्टिअरिंग से दूर रहने के बाद उन्हें रिफ्रेशमेंट ट्रेनिंग दिया जाता है. पश्चात उन्हें सेवा में उपस्थित किया जाता है एसटी पूरी क्षमता से शुरु करने के लिए अनेक स्थानों पर देर रा तक अपील सुनवाई शुरु रहती है. जिसके चलते 10 मई तक कुछ ही उपस्थित कर्मचारी व कार्रवाई किये गए कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध होगी, यह जानकारी एसटी के वरिष्ठ अधिकारियों ने दी.
निलंबित कर्मचारियों ने तीन सप्ताह के भीतर अपील कर उस पर चार सप्ताह में महामंडल द्वारा निर्णय लिया जाये, ऐसा निर्देश उच्च न्यायालय ने दिया है.जिसके अनुसार 11 हजार निलंबित कर्मचारियों में से 9,577 कर्मचारियों ने अपील दाखल की. इनमें से 4,701 कर्मचारियों की अपील को हल कर उन्हें काम पर लेने की प्रक्रिया शुरु की गई है. शेष कर्मचारियों की अपील हल करने की प्रक्रिया शुरु है. मात्र अपील न करने वाले व शरद पवार के घर पर आंदोलन करने वाले कर्मचारियों को फिर से सेवा में नहीं लेंगे, यह जानकारी महामंडल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजन शेलार ने दी.
अमरावती, बुलढाणा, भंडारा में 100% लौटे
एसटी महामंडल के कर्मचारियों को सेवा में उपस्थित होने के लिए दी गई अवधि के आखिरी दिन शुक्रवार को अमरावती, भंडारा व बुलढाणा जिले के 100 प्रतिशत कर्मचारी ड्युटी पर लौटे. यह आकड़ा 2,380 होने की जानकारी विभागीय नियंत्रक श्रीकांत गभने ने दी. साथ ही अकोला जिले में 1,198, गोंदिया 289, चंद्रपुर 1,486, भंडारा 1,296 व यवतमाल जिले के दो हजार से अधिक कर्मचारी लौटे हैं. जिसके चलते गांव-देहातों की एसटी पूरी क्षमता से दौड़ने का मार्ग खुल गया है.