महाराष्ट्र

प्रशासनिक अधिकारियों पर लगाम लगाये जाने की जरूरत

राज्य के मंत्रिमंडल में उठी मांग

मुंबई/दि.9– राज्य में पदस्थ रहनेवाले आईएएस व आईपीएस अधिकारियों द्वारा यदि जानबूझकर राज्य की महाविकास आघाडी सरकार के विरोध में भूमिका अपनायी जाती है, तो उन्हें तुरंत नियंत्रित किये जाने की जरूरत है. इस आशय की मांग राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के उपरांत कई वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा उठाई गई.
उल्लेखनीय है कि, केंद्र सरकार के अधिकारियों से मिलकर दिल्ली से लौटने के बाद राज्य के मुख्य सचिव मनुकूमार श्रीवास्तव ने राज्य में प्रलंबित रहनेवाले बुलेट ट्रेन व मुुंबई मेट्रो प्रकल्प की समीक्षा करते हुए तुरंत ही केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट भेज दी. वहीं राजस्व विभाग के अधिकारियों के न्याय दंडाधिकारी के तौर पर रहनेवाले अधिकार निकाले जाने की मांग करते हुए नासिक के पुलिस आयुक्त दीपक पांडे ने राजस्व अधिकारियों को आतंकवादी तक संबोधित कर महासंचालक को पत्र भेजा था. इन दोनों मामलों को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक में वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा चिंता जताते हुए कहा गया कि, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों द्वारा किये जा रहे मनमाने कामकाज पर समय रहते लगाम लगायी जानी चाहिए.
इस समय यह भी कहा गया कि, मुंबई के पुलिस आयुक्त सत्यपालसिंह ने अपने पद से अकस्मात इस्तीफा देकर भाजपा में प्रवेश किया था. जिसके बाद वे सांसद चुने गये और केंद्रीय मंत्री भी बने. इसी तरह मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीरसिंह ने भी राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाते हुए उनकी व सरकार की बदनामी की. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, महाविकास आघाडी सरकार के खिलाफ भूमिका अपनानेवाले अधिकारियों पर अंकूश लगाया जाये और सरकार के खिलाफ काम करनेवाले अधिकारियों के पीछे किन लोगों की ताकतें है, उसका भी पता लगाया जाये.
पता चला है कि, राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने नासिक के पुलिस आयुक्त दीपक पांडे को खडे बोल सुनाये है. इसका उपमुख्यमंत्री अजीत पवार द्वारा भी समर्थन किया गया है.

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