महाराष्ट्र

विधानसभा के बाहर सजी अभिरूप विधानसभा

विपक्ष ने किया सरकार के कामकाज का निषेध

मुंबई/दि.6 – विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में जबर्दस्त हंगामा मचाने के मामले में भाजपा के 12 विधायकों को गत रोज एक वर्ष के लिए सदन से निलंबीत किया गया था. जिसका प्रभाव मंगलवार को दो दिवसीय पावस सत्र के दूसरे दिन विधान भवन परिसर में दिखाई दिया, जब विपक्षी विधायकोें ने अधिवेशन के दूसरे व अंतिम दिन सदन के कामकाज पर बहिष्कार डाला और विधान भवन की सीढियों पर आंदोलन करने के साथ ही सभागृह के बाहर अभिरूप विधानसभा सजायी.
इस अभिरूप विधानसभा की अध्यक्षता विधायक कालीदास कोलमकर ने की और इस समय नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस द्वारा कहा गया कि, उन्होंने विधानसभा में ओबीसी व मराठा आरक्षण सहित विभिन्न मामलों को लेकर आवाज उठाई थी. किंतु उनके विधायकों पर निराधार आरोप करते हुए उन्हें एक वर्ष के लिए निलंबीत किया गया है. जिसके लिए वे इस सरकार का निषेध करते है.
इस समय नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कहा कि, आज विधानमंडल में सत्ताधारी पक्ष द्वारा एक तरह से आपातकाल लगाने का काम किया गया है और मार्शल भेजकर पत्रकारों से कैमरे छिने गये. साथ ही प्रसार माध्यमों के प्रतिनिधियों के साथ धक्कामुक्की भी की गई. यदि विपक्षी विधायकों द्वारा समयसुचकता नहीं दिखाई जाती, तो एक अलग ही चित्र दिखाई दे सकता था. यह एक तरह से राज्य के सत्ता पक्ष द्वारा लोकतंत्र की हत्या है. फडणवीस के मुताबिक अपने चेहरे से नकाब हटते ही राज्य के सत्ता पक्ष में हडकंप मचा हुआ है. जिसकी वजह से झूठे आरोप लगाते हुए भाजपा के 12 विधायकों का निलंबन किया गया. साथ ही आज बेहद शांतिपूर्ण तरीके से अभिरूप विधानसभा जारी रहते समय पत्रकारों पर बलप्रयोग करने का प्रयास किया गया. किंतु विपक्ष इन सभी बातों से डरनेवाला नहीं है और हम सरकार के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहेंगे.

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