* पीएम मोदी के कल होनेवाले दौरे को लेकर बदला फैसला
* जनता को हो रही तकलीफों की भी दुहाई दी
* बोले : किसी के दबाव में आकर नहीं बदला निर्णय
*सीएम ठाकरे व सेना को लेकर दोबारा कसे तंज
* मुंबई में राजनीतिक गतिरोध हुआ काफी हद तक शिथिल
मुंंबई/दि.23– विगत कुछ दिनों से हनुमान चालीसा पढने को लेकर अमरावती जिले की सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा तथा शिवसेना के बीच जमकर रार व तकरारवाली स्थिति बनी रही और आज दोनों पक्षों के बीच टकराव का आलम कुछ इस हद तक बढ गया है कि, अब मुंबई इस मसले को लेकर जंग का अखाडा बनी दिखाई दी. जहां पर एक ओर तो खार स्थित अपने आवास पर मौजूद राणा दम्पति किसी भी हाल में सीएम उध्दव ठाकरे के आवास मातोश्री बंगले पर जाकर हनुमान चालीसा पढने के लिए पूरा दिन अडे रहे. वहीं दूसरी ओर उनके फ्लैट की इमारत के चारों ओर दिनभर शिवसैनिकों का हुजूम मौजूद रहा. जिन्हें नियंत्रित करने हेतु पूरे परिसर में कडा पुलिस बंदोबस्त लगाकर रखा गया था. ऐसे में राणा दम्पति मातोश्री बंगले पर जाने हेतु अपने आवास से बाहर ही नहीं निकल पाये. इसके बाद दोपहर पश्चात अपने आवास पर एक पत्रवार्ता बुलाते हुए राणा दम्पति ने कहा कि, कल रविवार 24 अप्रैल को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई के दौरे पर आ रहे है. ऐसे में कानून व व्यवस्था की स्थिति के लिए कोई खतरा पैदा न हो और आम जनता को भी किसी भी तरह की कोई दिक्कत या तकलीफ न हो, इस बात के मद्देनजर उन्होंने अपने आंदोलन को पीछे लेने का फैसला लिया है और मातोश्री बंगले पर जाकर हनुमान चालीसा पढने का विचार त्याग दिया है.
इस पत्रवार्ता में विधायक रवि राणा ने यह फैसला मुंबई सहित राज्य की जनता के हित में लेने की बात कहते हुए कहा कि, वे किसी के भी दबाव में आकर झूके अथवा डरे नहीं है. अत: उनके द्वारा आंदोलन पीछे लिये जाने का कोई गलत मतलब न निकाल जाये. वहीं सांसद नवनीत राणा ने कहा कि, खुद को बेहद शक्तिशाली समझनेवाले राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे केवल हम दो लोगों से ही डर गये और उन्होंने हम पति-पत्नी को घर से बाहर निकलने से रोकने के लिए भारी-भरकम पुलिस की फौज के साथ ही बडे पैमाने पर अपने गुंडे भी भेजे. जबकि हम पति-पत्नी तो केवल दो लोग ही मातोश्री बंगले पर जानेवाले थे और हमने अपने कार्यकर्ताओं को मुंबई आने से मना कर दिया था, ताकि यहां पर कानून व व्यवस्था की स्थिति न बिगडे तथा पुलिस सहित आम जनता को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पडे, लेकिन खुद शिवसेना के नेताओं व पदाधिकारियों ने माहौल को बिगाडने का काम किया और पूरा समय सीएम उध्दव ठाकरे चुप्पी साधे बैठे रहे. जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि, राज्य में कानून व व्यवस्था को लेकर सीएम उध्दव ठाकरे व उनकी सरकार कितनी गंभीर है. साथ ही दो जनप्रतिनिधियों की आवाज को दबाने के लिए सीएम उध्दव ठाकरे व राज्य सरकार किस हद तक नीचे गिर सकते है.
* हनुमान चालीसा पर ठन गई थी रार, जंग का मैदान बनी मुंबई
घर से बाहर नहीं निकल पाये राणा दम्पति
* खार स्थित आवास पर शिवसैनिकों का घेरा
* मातोश्री सहित वर्षा बंगले पर पुलिस का कडा बंदोबस्त
* सीएम के घर जाकर हनुमान चालीसा पढने पर अडी सांसद नवनीत
बता दें कि, सांसद नवनीत व विधायक रवि राणा ने विगत सप्ताह राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे को हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में अपने आवास पर हनुमान चालीसा पढने की सलाह दी थी. साथ ही कहा कि, ऐसा नहीं होता है, तो वे अपनी पत्नी व सांसद नवनीत राणा के साथ मुंबई जाकर मातोश्री बंगले के समक्ष हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. जिसके बाद से राणा दम्पति व शिवसेना के बीच तनाव एवं टकराववाली स्थिति बन गई. इसी दौरान जहां अमरावती में शिवसैनिकों ने राणा दम्पति के आवास के समक्ष हनुमान चालीसा का पठन किया, वहीं दूसरी ओर शुक्रवार की सुबह राणा दम्पति अकस्मात ही मुंबई पहुंच गये. जिन्होंने शनिवार 23 अप्रैल को मातोश्री बंगले के सामने हनुमान चालीसा का पठन करने की घोषणा की. ऐसे में शुक्रवार से ही राजधानी मुंबई में राजनीतिक वातावरण जमकर तप गया था. इस दौरान पुलिस ने राणा दम्पति को खार स्थित उनके आवास पर जाकर सीआरपीसी की धारा 149 के तहत प्रतिबंधात्मक नोटीस जारी करते हुए उन्हें कानून व व्यवस्था की स्थिति को नहीं बिगाडने को लेकर चेतावनी दी थी. वहीं राणा दम्पति ने भी पुलिस के साथ पूरा सहयोग करने की बात कही थी और शांतिपूर्ण ढंग से मातोश्री बंगले के सामने जाकर हनुमान चालीसा पढने का संकल्प दोहराते हुए शनिवार की सुबह ठीक 9 बजे मातोश्री बंगले के सामने जाने की घोषणा की थी. ऐसे में आज शनिवार की सुबह से ही मुंबई में वातावरण काफी तनातनीवाला रहा और किसी भी संभावित टकराव को टालने हेतु मुंबई पुलिस द्वारा सीएम उध्दव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ बंगले व उनके सरकारी आवास ‘वर्षा’ बंगले के साथ-साथ खार परिसर स्थित राणा दम्पति के आवास पर कडा बंदोबस्त लगाया गया.
उल्लेखनीय है कि, कल पूरा दिन मातोश्री बंगले पर शिवसैनिकों का हुजुम इकठ्ठा रहा और आज सुबह से मातोश्री बंगले के साथ-साथ खार परिसर स्थित राणा दम्पति के फ्लैट के सामने भी शिवसैनिकों की भारी-भरकम भीड इकठ्ठा हो गई. इस भीड में शामिल कई शिवसैनिकों ने पुलिस द्वारा लगाये गये बैरिकेटिंग को तोड दिया और वे राणा दम्पति के फ्लैटवाली इमारत के काफी पास तक पहुंच गये थे. जिन्हें पुलिस ने खदेडते हुए हालात को नियंत्रित किया. लेकिन अपनी रिहायशी इमाारत के बाहर मौजूद शिवसैनिकोें की भीड और भीड द्वारा किये जा रहे हंगामे के चलते सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा पूरा समय अपने ही घर में फंसे रह गये और दोपहर 3 बजे तक वे एक बार भी अपने घर से बाहर नहीं निकल पाये.
* …. तो मुंबईया वड़ा पाव से करते राणा दंपत्ति का स्वागत
इस समय सांसद नवनीत राणा व विधायक रवि राणा द्वारा शिवसेना और सीएम उध्दव ठाकरे को लेकर काफी मुखर भूमिका अपनायी जा रही है, वहीं शिवसेना भी जमकर पलटवार कर रही है. शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने अगर राणा दम्पति अपने घर से बाहर आते, तो घर के बाहर खडे शिवसैनिकों द्वारा उनका स्वागत मुंबईया वडापाव व कोल्हापुरी मिर्ची से किया जाता.
* सत्ता का खुल्लम-खुल्ला दुरूपयोग हो रहा है
इस पुरे हंगामे के बीच मीडिया के साथ टेलिफोनिक संवाद साधते हुए खार स्थित अपने आवास पर मौजूद सांसद नवनीत राणा ने कहा कि, यदि उनपर कोई हमला होता है या व्यवस्था बिगड़ती है, तो इसके लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार है. हमें मातोश्री जाने से कोई नहीं रोक सकता है. सत्ता का दुरूपयोग किया जा रहा है. वहीं उनके पति व विधायक रवि राणा ने कहा कि वे शांतिपूर्ण ढंग से मातोश्री जाने वाले थे. लेकिन उन्हें घर के बाहर निकलने से रोका जा रहा है और घर के दरवाजे के बाहर पुलिस खडी है. अगर हनुमान चालीसा पढने के लिए भी ठाकरे सरकार और पुलिस से अनुमति लेनी पड़ रही है, तो ये दुर्भाग्य की बात है.
* अमरावती वापिस जायें राणा दम्पति
– शिवसैनिक अपनी भूमिका पर अडे
इसी बीच राणा दम्पति के खार स्थित आवास के सामने मौजूद शिवसैनिकों का कहना रहा कि वे किसी कीमत पर राणा दंपति को मातोश्री नहीं जाने देंगे. अत: बेहतर है कि, राणा दंपति अमरावती वापिस चले जाएं. शिवसैनिकों ने यह भी कहा कि, जबतक राणा दंपति द्वारा अमरावती वापिस जाने का आश्वासन नहीं दिया जाता, तब तक वे राणा दम्पति के आवास के सामने से नहीं हटेंगे.
* जो भाषा समझ में आयेगी, उसी भाषा में जवाब दिया जाएगा
उधर इस पूरे मामले को लेकर शिवसेना के प्रवक्ता व सांसद संजय राउत ने कहा कि अगर कोई हमारी लक्ष्मण रेखा को पार करेगा, तो शिवसैनिकों को भी उनके घर पहुंचने का अधिकार है. कोई हमें राष्ट्रपति शासन, ईडी व सीबीआई की धमकी ना दें. अब हम उससे आगे निकल गए हैं. आप अगर हमारे घर में घुसने की कोशिश करेंगे, तो शिवसैनिक भी आपको नहीं छोड़ेगा, क्योंकि हमारे शिवसैनिक हमेशा मरने और मारने के लिए तैयार है. अत: कोई भी हमसे उलझने की कोशिश ना करे.
* किसी की शह पर राज्य का माहौल खराब कर रहे राणा
-गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने दुस्साहस पर जताया आश्चर्य
वहीं राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील के मुताबिक अमरावती की सांसद नवनीत राणा और उनके पति व विधायक रवि राणा इस समय महाराष्ट्र में माहौल को बिगाडते हुए राज्य सरकार की छवि खराब करना चाहते हैं. जिसके पीछे निश्चित रूप से किसी और का हाथ है. जिसके इशारे पर राणा दम्पति द्वारा यह दुस्साहस किया जा रहा है. अन्यथा राणा पति-पत्नी इतनी हिम्मत कभी नहीं कर पाते.
* सांप्रदायिक तनाव फैलाना चाहते हैं राणा
– राकांपा ने भी दी अपनी प्रतिक्रिया
राज्य की महाविकास आघाड़ी व राज्य सरकार में शामिल रहनेवाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि, राणा दंपति द्वारा राज्य सरकार को अस्थिर करने और राज्य में सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए यह सबकुछ किया जा रहा है.
* केवल राजनीतिक स्टंटबाजी कर रहे राणा
वहीं शिवसेना के सांसद अनिल देसाई ने कहा कि हनुमान चालीसा को लेकर राणा दम्पति द्वारा जो कुछ उछलकूद की जा रही है, वह केवल स्टंटबाजी है, जिसके लिए उन्हें शिवसैनिकों द्वारा माकूल जवाब देने के साथ ही हिंदुत्व का पाठ भी पढाया जायेगा.
* परिवार को कुछ भी हुआ, तो सीएम ठाकरे जिम्मेदार
इस बीच विधायक रवि राणा द्वारा आरोप लगाया गया कि, आज अमरावती में उनके आवास पर कुछ लोगों द्वारा हमला किये जाने का प्रयास किया गया. साथ ही विधायक राणा ने यह भी कहा कि, उनके घर में उनके दो छोटे बच्चों सहित परिवार के अन्य सदस्य भी है. यदि उनमें से किसी को धक्का भी लगता है, तो इसके लिए पूरी तरह से मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे व राज्य सरकार जिम्मेदार होंगे.
* शिवसेना से बेवजह पंगा ले रहे राणा
– मंत्री छगन भुजबल ने लगायी फटकार
इसी दौरान राज्य के मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि, शिवसेना के महाप्रसाद का मतलब लात-घूसों से की जानेवाली पिटाई होती है. यह बात शायद राणा दम्पति को पता नहीं है. अत: उन्हें चाहिए कि वे बेवजह शिवसेना से पंगा न लें और यदि उन्हें हनुमान चालीसा पढने का इतना ही शौक है, तो वे किसी और के घर के सामने हनुमान चालीसा पढने की जिद करने की बजाय अपने घर में रहकर आराम से हनुमान चालीसा पढे. ऐसा करने से उन्हें कोई नहीं रोकेगा.