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आखिर कांग्रेस के कौन से तीन विधायक फूटे

विदर्भ सहित अमरावती के कांग्रेस विधायकों पर संदेह की नजर

मुंबई/दि.21– गत रोज राज्य विधान परिषद के चुनाव कराये गये, जिसकी मतगणना को लेकर अंतिम समय तक बडा सस्पेन्स बना रहा. इस चुनाव में राज्यसभा की तरह ही भाजपा ने अपने पांचों प्रत्याशियों को जीत दिलाने में सफलता हासिल की. वहीं कुल 10 सीटों के लिए हुए चुनाव में महाविकास आघाडी के 6 में से 1 प्रत्याशी को हार का सामना करना पडा, लेकिन सबसे बडा उलटफेर दसवीं सीट को लेकर हुए चुनाव में दिखा. जहां पर कांग्रेस के भाई जगताप तथा भाजपा के प्रसाद लाड के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा था और पहली पसंद के वोटों की गिनती में भाई जगताप पीछे भी चल रहे थे. लेकिन दूसरी पसंद के वोटों ने पूरे समीकरण बदल दिये और जीत के निकट पहुंच चुके चंद्रकांत हंडोरे चुनावी मैदान से बाहर हो गये तथा 26 वोट का कोटा पूरा करते हुए भाई जगताप ने जीत हासिल कर ली. ऐसे में पहली पसंद के केवल 22 वोट प्राप्त करनेवाले कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रकांत हंडोरे को कांग्रेस विधायकों के ही 3 वोट कम पड गये. जिसकी वजह से उन्हें हार का सामना करना पडा. जिसके चलते अब यह सवाल पूछा जा रहा है कि, आखिर कांग्रेस के वो तीन विधायक कौन है, जिन्होंने पहली पसंद के वोटों में सीधे तौर पर गद्दारी की है.
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा इस क्रॉस वोटिंग के लिए मुख्य रूप से विदर्भ क्षेत्र से वास्ता रखनेवाले कांग्रेस विधायकों को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है. संदेह के घेरे में रहनेवाले कांग्रेस विधायकों में अमरावती जिले से वास्ता रखनेवाले एक कांग्रेस विधायक का भी समावेश है. ऐसी जानकारी सूत्रों के जरिये पता चली है, लेकिन फिलहाल तक पार्टी द्वारा उन तीन नामों का खुलासा नहीं किया गया है.
बता दें कि, विधान परिषद चुनाव में दो विधायकों के वोट खारिज होते ही सभी प्रत्याशियों की जीत के लिए 25 वोटों का कोटा तय किया गया था. इस चुनाव में भाजपा के चार तथा महाविकास आघाडी के पांच प्रत्याशियों की जीत पहले से सुनिश्चित मानी जा रही थी और मुकाबला दसवीं सीट के लिए होना था. क्योंकि सत्ता पक्ष व विपक्ष में से किसी के पास इस सीट के लिए वोटों का पर्याप्त कोटा नहीं था. ऐसे में इस सीट पर कांग्रेस के भाई जगताप व भाजपा के प्रसाद लाड के बीच मुकाबला होना था, लेकिन मामला तब बेहद रोचक हो गया, जब मुख्य स्पर्धा कांग्रेस के ही दो प्रत्याशियों के बीच होती दिखाई दी, क्योंकि कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रकांत हंडोरे को सीधे-सीधे कांग्रेस विधायकों के 25 वोट मिलना अपेक्षित था, लेकिन उन्हें कांग्रेस के केवल 22 वोट ही मिले. वहीं भाई जगताप को 19 कांग्रेसी विधायकों के पहली पसंदवाले वोट हासिल हुए. बता दें कि, विधानसभा में कांग्रेस के कुल 44 विधायक है. जिसमें से केवल 41 विधायकों ने ही कांग्रेस के दोनोें प्रत्याशियों को पहली पसंदवाले वोट डाले. जिसका सीधा मतलब है कि, तीन कांग्रेसी विधायकों द्वारा अपनी पहली पसंद का वोट किसी अन्य दल के प्रत्याशी को दिया गया, यानी सीधे-सीधे अपनी पार्टी के व्हिप का उल्लंघन करते हुए पार्टी के साथ गद्दारी की गई. जिसकी वजह से सुनिश्चित जीत मानकर चल रहे चंद्रकांत हंडोरे को ऐन समय पर हार का सामना करना पडा. वहीं उनके स्थान पर भाई जगताप की नैय्या दूसरी पसंदवाले वोटों के दम पर पार हो गई. साथ ही दसवीं सीट पर भाजपा के प्रसाद लाड निर्वाचित हुए. जिसके चलते महाविकास आघाडी को भी हार का सामना करना पडा. राज्यसभा चुनाव के बाद यह लगातार दूसरा मौका है, जब राज्य की सत्त्ताधारी महाविकास आघाडी को प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के हाथों हार का सामना करना पडा है. जिसके लिए तीन कांग्रेसी विधायकों द्वारा पार्टी लाईन से बाहर जाकर की गई क्रॉस वोटिंग को जिम्मेदार माना जा रहा है और अब पार्टी द्वारा उन तीन विधायकों की खोजबीन की जा रही है, जिसमें प्राथमिक तौर पर पता चला है कि, यह विधायक संभवत: विदर्भ क्षेत्र से वास्ता रखते है और इनमें अमरावती जिले से वास्ता रखनेवाले एक विधायक का भी समावेश है.

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