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मुंबई/दि.४– पुलिस सेवा में भर्ती होते समय एक बार प्रशिक्षण लेने पर सेवानिवृत्ति होने तक दोबारा प्रशिक्षण नहीं लिया जाता. दूसरी ओर दिनोंदिन अपराध के तरीके, अपराध करने के तंत्र, अपडेट प्रणाली का उपयोग इनमें अपराध पुलिस से एक कदम आगे जाता है. जिसके कारण हाल ही में अपराधनुसार आरोपी के अपराध करने के तरीकेनुसार पुलिस अपडेट रहे, इसके लिए सेवा में भती होने के बाद कुछ वर्षो में फिर एक बार पुलिस को प्रशिक्षण लेना पड़ेगा. कानून व सुव्यवस्था, अपराध तथा अन्य प्रकार का प्रशिक्षण पुलिस महासंचालक संजय पांडे ने सभी पुलिस के लिए अनिवार्य किया है.
पुलिस दल में भर्ती होते ही महाराष्ट्र पुलिस अकादमी नाशिक और पुलिस प्रशिक्षण केेन्द्र में अधिकारियों को एक साल तथा अमलदारों को लगभग ९ माह का प्रशिक्षण दिया जाता है. एक बार प्रशिक्षण पूरा करके सेवा में भर्ती होने के बाद पुुुलिस किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण नहीं लेते. अपडेट तकनीकीनुसार प्रशिक्षित न होने से अपराधी पुलिस से ज्यादा शातिर साबित होते है.
जिसके कारण ज्ञान, कौशल्य, मूल्य और क्षमता में वृध्दि करने के लिए उसी प्रकार अपराध क्षेत्र मेें अपडेट तकनीकी ज्ञान, कौशल्य पध्दति अवगत करने के लिए पुलिस सेवा के लिए निर्धारित अवधि के बाद फिर से प्रशिक्षण दिया जाता है.
अक्तूबर २०२१ से प्रायोगिक तत्व पर शुरू किए जानेवाला यह प्रशिक्षण अब प्रत्येक पुलिस कर्मचारियों में अनिवार्य किया गया है. अधिकारियों के लिए नाशिक, पुणे और खंडाला मेंं केन्द्र में तथा अमलदारों को नाशिक में अपराध अन्वेषण विद्यालय में यह प्रशिक्षण दिया जायेगा. प्रशिक्षण के लिए जाने के इच्छुक अधिकारी, अमलदारों को तत्काल भेजे, ऐसा आदेश सभी पुलिस आयुक्त अधिक्षको को दिया गया है.
-प्रशिक्षण पूरा करने पर उसका पंजीयन सेवा पुस्तिका में लिया जायेगा
– भविष्य में नियुक्ति और पदक प्रशिक्षण पर निर्भर है
-हर तीन साल मे यह प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की समीक्षा ली जायेगी
– प्रशिक्षण के बाद परीक्षा में सफलता मिलनेवालों को पुरस्कार