विधान सभा के बाद अब स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी
सीएम फडणवीस ने तीन महीने में चुनाव लेने के दिए संकेत
मुंबई/दि.23-विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी ने स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. दिलचस्प बात यह है कि पिछले तीन साल से राज्य में कई चुनाव रुके हुए हैं और राजनीतिक दल 22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं की सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं, हालांकि, सुनवाई जनवरी को ही होने की संभावना है और मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने ये कहकर इन चुनावों को लेकर संकेत दे दिए हैं कि तीन महीने के अंदर चुनाव कराने की कोशिश है.
नागपुर में बीजेपी कार्यकर्ताओं के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में फडणवीस ने अपने मन की बात पेश की. इस कार्यशाला में विधान परिषद के सभापति प्रो राम शिंदे, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, सचिव अरविंद मेनन, प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले, मंत्री पंकजा मुंडे, रणधीर सावरकर, प्रदेश उपाध्यक्ष संजय भेंडे, एड. धर्मपाल मेश्राम आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे. इस दौरान फडणवीस ने कहा कि विधानसभा में जीत से कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास बढा है और बीजेपी के लिए अनुकूल माहौल बना है. इसीलिए पार्टी ने इसका फायदा उठाकर स्थानीय स्वशासन चुनाव में जीत की योजना बनानी शुरू कर दी है.
* सदस्यता पंजीकरण पर ध्यान दें
सीएम ने कहा कि नवनियुक्त मंत्रियों और विधायकों की उपस्थिति में नागपुर में कार्यकर्ताओं के लिए सदस्यता पंजीकरण प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया है. फडणवीस ने कहा कि, यदि आप स्थानीय निकायों में जीतना चाहते हैं तो आपको कुछ दिनों में सदस्यता पंजीकरण पर ध्यान देना होगा. प्रदेश में डेढ करोड सदस्यता दर्ज की जाये. प्रत्येक बुध पर 150 सदस्यों के चाहिए, फडणवीस ने कहा कि अगर सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता 5 जनवरी के बीच जाएं और 50 लोगों का पंजीकरण करें, तो कुछ ही घंटों में 50 लाख का आंकड़ा हासिल किया जा सकता है.
* दूसरों पर काम न थोपें
फडणवीस ने कहा कि सभी प्रमुख पदाधिकारियों को सडक पर उतरकर जनता के बीच जाना चाहिए, इस मौके पर फडणवीस ने चेतावनी देते हुए कहा कि सिर्फ भाषण देकर दूसरों पर काम न थोपें
* शिवसेना और भाजपा में होड
दूसरी ओर, मुंबई के संरक्षक मंत्री पद के लिए शिवसेना और भाजपा के बीच प्रतिस्पर्धा है. आने वाले दिनों में मुंबई महानगरपालिका के चुनाव होने वाले हैं. इसलिए, शिवसेना और भाजपा इस बात पर अडे हैं कि उन्हें मुंबई शहर और उसके उपनगरों में संरक्षक मंत्री का पद मिले. इसलिए यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि मुंबई में पालकमंत्री का पद किसके पास होगा.
महायुति में रस्साकशी
विभागों के बंटवारे के बाद कई मंत्रियों में पालकमंत्री पद के लिए होड मच गई है. अब कई मंत्रियों ने अपने-अपने जिलों के पालकमंत्री पद के लिए पैरवी शुरू कर दी है. मंत्री भरत गोगावले ने रायगढ़ जिले के संरक्षक पद का दावा किया है. इसके साथ ही अदिति तटकरे भी रायगढ के पालकमंत्री पद की इच्छुक हैं. इसलिए, सबकी नजर इस बात पर है कि बीड में पालकमंत्री धनंजय मुंडे होंगे या पंकजा मुंडे, यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि संभाजीनगर में पालकमंत्री का ताज किसे पहनाया जाएगा, संजय शिरसाट या अतुल सावे को.