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स्वास्थ्य विभाग के बाद म्हाडा का भी पेपर फूटा

पेपर सेट करनेवाली कंपनी ही चला रही थी पेपर लीक करने का गोरखधंधा

* पुलिस की जांच में सामने आयी जानकारी
* तीन कोचिंग क्लास संचालक लिये गये हिरासत में
औरंगाबाद/दि.13– गत रोज रविवार 12 दिसंबर को महाराष्ट्र गृहनिर्माण व क्षेत्रविकास प्राधिकरण यानी म्हाडा के 565 रिक्त पदों हेतु पदभरती प्रक्रिया के तहत लिखीत परीक्षा ली जानी थी. किंतु इससे पहले ही शनिवार की रात म्हाडा का पेपर लीक हो गया और सरकार को रात में ही अगले दिन ली जानेवाली परीक्षा को रद्द करने का फैसला लेना पडा. जिसके चलते सरकार को चहुंओर से आलोचनाओं का शिकार होना पड रहा है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, कुछ दिनों पहले ही स्वास्थ्य विभाग की पदभरती हेतु ली जानेवाली लिखीत परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हुआ था. जिसके चलते उस परीक्षा को भी ऐन समय पर स्थगित करना पडा था. वहीं अब म्हाडा की पद भरती का पेपर भी लीक हुआ है. हैरत की बात यह है कि, आरोग्य विभाग के पेपर लीक मामले की तरह म्हाडा के पेपर लीक मामले के तार भी मराठवाडा से जुडे हुए है और पुलिस द्वारा की गई जांच में पता चला है कि, जिस कंपनी को पेपर सेट करने का ठेका दिया गया था, उसी कंपनी द्वारा पेपर लीक करने का गोरखधंधा चलाया जा रहा था. ठेकेदार कंपनी से एक बिचौलिये द्वारा पेपर खरीदा जाना था और इस पेपर को औरंगाबाद में कोचिंग क्लास चलानेवाले प्राध्यापकों को बेचा जाना था. ऐसी जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने औरंगाबाद में कोचिंग क्लास चलानेवाले तीन प्राध्यापकों को अपनी हिरासत में लिया है.
इस संदर्भ में पुलिस द्वारा दी गई जानकारी से पता चला है कि, औरंगाबाद स्थित टार्गेट करिअर अकादमी के अजय चव्हाण, सक्षम करिअर अकादमी के कृष्णा जाधव तथा अंकित चनखोरे ने संतोष हरकल व अंकुश हरकल नामक दो मध्यस्थों की सहायता से भारी-भरकम रकम अदा करने का ऑफर देते हुए म्हाडा की पद भरती के पेपर की मांग की थी. ये दोनों ही मध्यस्थ पेपर सेट करनेवाली कंपनी के संपर्क में थे. खास बात यह है कि, ये तीनों ही प्राध्यापक औरंगाबाद में काफी प्रतिष्ठित है और विगत दस वर्षों से कोचिंग क्लासेस चला रहे है. इसमें से अजय चव्हाण को गणित व बुुध्दीमत्ता विषय में पारंगत माना जाता है और उनकी गणित विषय पर दो किताबें भी प्रकाशित है. चव्हाण ने ही चनखोरे व जाधव के साथ भागीदारी में अपने कोचिंग क्लासेस की दूसरी शाखा शुरू की थी और विगत कुछ वर्ष के दौरान इन कोचिंग क्लासेस द्वारा शानदार नतीजे भी दिये जा रहे है. किंतु अब इन्हीं प्राध्यापकों व कोचिंग क्लासेस का नाम पेपर लीक मामले में सामने आने से इनके अब तक के परीक्षा परिणामों को भी संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है. वहीं पता चला है कि, इन कोचिंग क्लासेस में पढनेवाले कई विद्यार्थी से भी सरकारी नौकरी की लालच दिखाते हुए बडी राशि अदा करने के बदले परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने का वादा किया गया था. जिसके चलते कई विद्यार्थी भी बडी रकम अदा करने के लिए तैयार थे. खास बात यह है कि, वर्ग 3 व वर्ग 4 वाले पदों के पेपर ही सबसे अधिक लीक किये जाते है, क्योंकि इन पदों के लिए ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी बडी संख्या में परीक्षा देते है, जिन्हें फटाफट सरकारी नौकरी चाहिए होती है और ग्रामीण क्षेत्र से पेपर लीक के मामले भी ज्यादातर उजागर नहीं होते.

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