किसानों को दर्जेदार बीज, खाद उपलब्ध कराने कृषि विभाग सज्ज रहे ः मुख्यमंत्री शिंदे
राज्यस्तरीय खरीफ सत्र पूर्व समीक्षा बैठक संपन्न
मुंबई/दि.24- राज्य शासन किसानों के प्रति संवेदनशील है. आगामी खरीफ मौसम के लिए किसानों के हित में विविध उपाय योजना की गई है. जिसे प्रभावी रुप से अमल में लाते समय ही किसानों को दर्जेदार बीज, खाद दिलवाने के लिए कृषि विभाग को सज्ज रहने के निर्देश मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिए.
यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान सभागृह में आज सुबह राज्यस्तरीय खरीफ सत्र पूर्व समीक्षा बैठक 2023 का आयोजन किया गया था. उस समय अध्यक्ष के रुप में मुख्यमंत्री शिंदे बोल रहे थे. इस समय उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार, जलापूर्ति व स्वच्छता मंत्री गुलाबराव पाटील, रोजगार हमी व फलोत्पादन मंत्री संदीपान भुमरे, बंदरगाह व खनिज मंत्री दादाजी भुसे, कामगार मंत्री डॉ. सुरेश खाडे, शालेय शिक्षण मंत्री दीपक केसरकर, सहकार मंत्री अतुल सावे, विधायक प्रकाश आबिटकर, राज्य के मुख्य सचिव मनोज सौनिक, सहकार विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुपकुमार, कृषि विभाग के प्रधान सचिव एकनाथ डवले, कृषि विभाग के आयुक्त सुनील चव्हाण आदि उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि गत कुछ दिनों में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि के कारण किसानों का नुकसान हुआ है. इस निमित्त प्रत्यक्ष खेतों में जाकर किसानों से संवाद साधा. उनकी परेशानी समझते हुए उन्हें हल करने का प्रयास किया जा रहा है. आगामी खरीफ सत्र के लिए कृषि विभाग ने गुणवत्ता नियंत्रक टीम, भरारी टीम कार्यान्वित करें, लिकेज की शिकायत आने पर तुरंत कार्रवाई की जाए, राज्य शासन के माध्यम से दिए जाने वाले बीज दर्जेदार होने चाहिए, उसकी भी प्रत्यक्ष खेत में जाकर जांच करने के निर्देश मुख्यमंत्री शिंदे ने दिए.
किसानों को समय पर फसल कर्ज दिया जाए, बैंकों ने किसानों को कर्ज देने के लिए आगे आना चाहिए, ऐसी भी सूचना मुख्यमंत्री ने की. बेमौसम बारिश, ओलावृष्टिग्रस्त किसानों को मदद की गई है. केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना की तर्ज पर नमो शेतकरी सम्मान योजना शुरु की गई है. किसानों को भी पारंपरिक खेती के साथ ही आधुनिक तकनीकी स्वीकार करनी चाहिए. खेतीपूरक व्यवसाय, कृषि पर्यटन पर जोर दिया जाए, जलयुक्त शिवार योजना का भूजल स्तर ऊंचा उठाने हेतु मदद की गई है. ऐसा भी मुख्यमंत्री ने कहा.
इस समय उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि इस बार की बारिश पर एल-निनोचा का प्रभाव होने की बात कही जा रही है. मात्र अन्य दो घटक बारिश के लिए अनुकूल है. पश्चात बारिश अच्छी होने पर कृषि विद्यापीठों ने बुआई की समयसारिणी निश्चित करनी है. इस बारे में किसानों में कृषि विभाग जनजागृति करें,वहीं ऊर्जा विभाग ने जोड़ने की संख्या बढ़ानी होगी, बावजूद इसके मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा विभाग को सभी विभागों ने सहयोग करने की बात उन्होंने कही. वहीं कृषि मंत्री सत्तार ने कहा कि राज्य के कृषि क्षेत्र की दृष्टि से खरीफ मौसम को अनन्य साधारण महत्व है.कृषि क्षेत्र के सुक्ष्म नियोजन की दृष्टि से राज्य में सर्वत्र खरीफ सत्र पूर्व समीक्षा बैठकों का आयोजन किया गया था. भारतीय हवामान विभाग के अंदाजनुसार इस बार 96 प्रतिशत बारिश अपेक्षित है. राज्य में सन 2023-24 में अनाक फसलों का 172.49 लाख टन उत्पादन अपेक्षित है. इस बार के खरीफ मौसम में बुआई का क्षेत्र 58.28 लाख हेक्टर रहेगा. चावल की फसल के लिए 15.91 लाख हेक्टर, मक्का फसल के लिए 9.10 लाख हेक्टर व अंकुरित अनाज फसल के लिए 20.53 लाख हेक्टर क्षेत्र का नियोजन है. इस खरीफ सत्र के लिए 19.23 लाख क्विंटल बीजों की आवश्यकता है. महाबीज, राष्ट्रीय बीज निगम, निजी उत्पादकों द्वारा 21.77 लाख क्विंटल बीज उपलब्ध होने वाले हैं. वह आवश्यकता से 113 प्रतिशत अधिक है. बावजूद इसके कृषि विभाग के माध्यम से विविध योजनाओं को अमल में लाने के प्रयास किए जाने के बात कृषि मंत्री सत्तार ने कही.
इस समय कृषि विभाग के प्रधान सचिव डवले, सहकार विभाग के आपे मुख्य सचिव अनुपकुमार याडवण, डॉ. पंजाबराव कृषि विभाग के कुलगुरु डॉ. शरद गडाख, परभणी के वसंतराव नाईक मराठवाड़ी कृषि विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. इंद्रमणी, राहुली के महात्मा जोतिराव फुले कृषि विद्यापीठ के संजय सावंत, भारतीय हवामान विभाग के पुणे के प्रमुख होसालीकर आदि ने अपने-अपने विभागों का प्रस्तुतिकरण किया. इस समय जिला परिषद के अध्यक्ष, विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, कृषि विभाग के संचालक, जिला अधीक्षक, कृषि अधिकारी सहित कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.