मुंबई दि.6 – राकांपा नेता अजित पवार व्दारा विधानसभा में छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में किया गया वक्तव्य का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अजित पवार ने अपने वक्तव्य पर कायम रहने की बात कही, तो उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उसे द्रोह की संज्ञा दी थी. ऐसे में पवार ने फिर फडणवीस को प्रत्युतर दिया. कहा कि, द्रोह लगता है, तो मुकदमा दर्ज करें. आपके पास सत्ता है. देख ले कि, यह मामला मुकदमे के लिए फीट रहता है क्या? हम तो जब तक शरीर में जान है, छत्रपति के विचारों से हमसे कभी द्रोह नहीं हो सकता. हमारी आने वाली 10 पीढियों में भी ऐसा द्रोह नहीं होगा. केवल कहने के लिए कुछ भी कहना ठीक नहीं. पवार ने फडणवीस को करारा जवाब दिया है.
पवार बोले की प्रत्येक को अपनी बात रखने का अधिकार है. संविधान का पालन सभी ने करना चाहिए. मेरी बात से सभी सहमत होंगे, ऐसा मैं भी नहीं मानता. किंतु मेरी भूमिका को गलत बताने वाले वे कौन? क्षमा-याचना करने वाला कौनसा अपराध कर दिया? अपशब्द कहे क्या? इस बारे में कोई नहीं बोल रहा. कुछ कारण न रहते हुए भी वातावरण खराब करने का प्रयत्न कुछ राजकीय दल कर रहे है. यह ठीक नहीं. उन्हें जो विचार रखने है वे रखे. हम हमारे विचार रखेंगे. जनता को जो विचार पसंद आयेंगे इसका वह स्वागत करेंगे.