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पुलिस की बंदूक छीनकर भागने में सक्षम नहीं था अक्षय

पिता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा

* खुद को भी पुलिस द्वारा मार दिये जाने का जताया डर
मुंबई/दि.25 – बदलापुर दुराचार मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस हिरासत के दौरान एन्काउंटर में हुई मौत के बाद उसके पिता अन्ना शिंदे ने मुंबई उच्च न्यायालय में फौजदारी रिट प्रिटीशन दायर की है. जिसमें दावा किया गया है कि, किसी पुलिस अधिकारी के पास से उसकी रिवाल्वर छीन लेने और फिर भागने का प्रयास करने जैसे कृत्य करने लायक अक्षय शिंदे की शारीरिक क्षमता ही नहीं थी. ऐसे में शायद किसी बडे व्यक्ति को बचाने के लिए अक्षय शिंदे को बली का बकरा बनाया गया है और एन्काउंटर की आड लेते हुए अक्षय शिंदे की पुलिस की गोली से हत्या की गई है.
इस याचिका में अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने कहा कि, जिस दिन शाम में अक्षय का एन्काउंटर किया गया, उस दिन दोपहर में वे और उनकी पत्नी जेल जाकर अक्षय से मिले थे. उस समय वह पूरी तरह से शांत व स्वस्थ था तथा उसने हमें खाने-पीने के संदर्भ में मनी आर्डर मिलने और खुद को जमानत मिलने के बारे में पूछताछ की थी. उस समय उसके मन में ऐसा कोई कृत्य करने के संदर्भ में किसी भी तरह का विचार चलने का कोई संकेत नहीं दिखाई दिया. क्योंकि वह पूरी तरह से शांत व संयत था. वहीं कुछ देर बाद पुलिस ने अक्षय को गोली मारकर मौत के घाट उतारते हुए दावा किया है कि, वह एक पुलिस अधिकारी की रिवाल्वर छीनकर भागने का प्रयास कर रहा था तथा उसने पुलिस कर्मियों पर गोली चलाने का प्रयास भी किया. जबकि अक्षय शिंदे ऐसा करने में शारीरिक रुप से सक्षम ही नहीं था. साथ ही उसे पिस्तौल या बंदूक को अनलॉक करते हुए गोली चलाना भी नहीं आता था. जिसके चलते कहा जा सकता है कि, पुलिस द्वारा सुनाई जा रही कहानी पूरी तरह से मनगडन है अत: इस पूरे मामले की हाईकोर्ट के देखरेख के तहत एसआईटी के जरिए जांच करवाई जानी चाहिए.
इसके साथ ही अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे ने यह दावा भी किया कि, चूंकि वे अक्षय शिंदे यानि अपने बेटे के एन्काउंटर को लेकर आवाज उठा रहे है. ऐसे में उनकी आवाज को दबाने हेतु पुलिस द्वारा संभवत: उन्हें भी जान से मारा जा सकता है. अत: समय रहते इस मामले में योग्य जांच व कडी कार्रवाई होनी चाहिए.

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