अक्षय तृतिया का मुहूर्त, लेकिन विवाह पर कोरोना का संकट
मंगल कार्यालय चलाने वाले व्यावसायिक संकट में
मुंबई/दि.10 – साढेतीन मुहूर्त में से एक रहने वाले अक्षय तृतिया पर यानी 14 मई को विवाह का मुहूर्त टल गया है. इस बार विवाह करने की इच्छा रखने वाले गाजे बाजे के साथ विवाह नहीं कर पायेंगे.
उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, छत्तिसगढ में पिछले वर्ष कोरोना के चलते विवाह आगे ढकेलने वाले परिवारों की खुशियों पर फिर इस बार पानी फेरा गया है. अकेले उत्तर प्रदेश में लगभग 30 हजार विवाह समारोह प्रलंबित है. इस वर्ष अप्रैल से जुलाई के बीच 37 मुहूर्त थे. मई में शुभदिन ज्यादा थे. अक्षय तृतिया के दिन लखनऊ में 5 से 6 हजार विवाह होने वाले थे. उसमें से 95 प्रतिशत विवाह रद्द हुए है.
13, 15, 21, 22, 23, 26, 29, 30, 31 मई को अच्छी तिथि थी. तथा जून में 15 तथा जुलाई में 7 मुहूर्त है. जून व जुलाई में निश्चित क्या होगा, यह पता न रहने से नवंबर व दिसंबर में विवाह का मुहूर्त पहले ही फुल्ल हुआ है. तारीख का पता लगाया जा रहा है. पहले ही बुकिंग रद्द हो जाने से पूरे पैेसे भी अनेकों को नहीं मिले. छत्तिसगढ के अधिकांश जिले में लॉकडाउन रहने से वहां अब विवाह नहीं हो रहे है. मध्यप्रदेश में कोरोना का फैलाव बढ जाने से मई महिने के सभी विवाह लंबित रखे गए है. उत्तराखंड में अक्षय तृतिया पर बडी संख्या में विवाह होते है. किंतु इस बार लोग विवाह टाल रहे है.
बैंड वाले, कैटरर्स व डिजेवालों को भी झटका
– विवाह समारोह साधे पध्दति से और चुनिंदा बारातियों की उपस्थिति में होने के कारण मंगल कार्यालय से लेकर तो कैटरर्स तक अनेकों को आर्थिक झटका लगा है. मंगल कार्यालय ओस पडे है.
– फूल, रोशनाई, मिट्टी के बर्तन, घोडा, कैटरर्स का व्यवसाय ठंडे बस्ते में पडा है. सोना, चांदी जेवरातों की खरीदी पर मर्यादा आयी है. ना बैंड, ना बाजा, ना बारात इस तरह की स्थिति रहने से डिजे भी धुल खाते पडे है. कपडों की खरीददारी हो रही है. फिर भी बस्ता बांधने का प्रमाण कम हुआ है. विवाह लगाने वाले गुरुजी से लेकर तो अनेकों का उत्पन्न डूबा है.