मुंबई/दि.९ – कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राज्य में विगत ६ माह से विविध प्रभावी उपाययोजनाएं चलायी जा रही है. जिसके तहत अस्पतालों में बेड उपलब्ध कराने, टेस्ट की दर तय करने, ऑक्सिजन की उपलब्धता तथा महात्मा फुले जनआरोग्य योजना का लाभ राज्य के सभी नागरिकों को अस्पतालों के मार्फत उपलब्ध कराने आदि निर्णय सर्वसामान्य लोगोें को ध्यान में रखकर लिये गये है. साथ ही कोरोना संक्रमितों एवं कोरोना के चलते होनेवाली मौतों के आंकडे घोषित करने में पूरी पारदर्शकता भी रखी गयी है. इस आशय की जानकारी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने विधानसभा में दी.
गत रोज विधान मंडल के पावसकालीन सत्र के दूसरे दिन विभिन्न विभागों की पूरक मांगे पेश की गई. इस समय नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में कोरोना संक्रमण काल के दौरान राज्य सरकार द्वारा किये गये उपायों का मसला उपस्थित किया था. जिस पर जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि, समूचे देश में सबसे पहले महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य में कोरोना संक्रमण को रोकने हेतु २३ मार्च को लॉकडाउन घोषित किया गया था. जिसके एक दिन बाद २४ मार्च को केंद्र सरकार द्वारा समूचे देश में लॉकडाउन लगाया गया. साथ ही राज्य में ८ मार्च को कोरोना का सबसे पहला संक्रमित मरीज मिलने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने इस संक्रमण का सामना करने हेतु तत्काल आवश्यक कदम उठाये और सीएम उध्दव ठाकरे ने इन उपाययोजनाओं के मद्देनजर राज्य के बजेट अधिवेशन को समय से पहले स्थगित करने का निर्णय लिया.