अमरावतीमहाराष्ट्र

कक्षा 3 री से 12 वीं तक की सभी पाठ्यपुस्तकें बदलेंगी

नई शिक्षा नीति के अनुसार पढाया जाएगा नया पाठ्यक्रम

* आम नागरिकों से भी मंगाये गये है सुझाव
अमरावती/दि.24– नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार महाराष्ट्र में शालेय पाठ्यक्रम को जल्द ही बदल दिया जाएगा. कक्षा 3 री से 12 वीं तक के पाठ्यक्रम हेतु तैयार किया गया है. जिसके अनुसार अगले शैक्षणिक सत्र से सभी कक्षाओं की पाठ्यपुस्तकें बदलने की संभावना है. इस प्रारुप की जानकारी देते हुए एससीईआरटी ने आम नागरिकों से आगामी 3 जून तक इसे लेकर सुझाव भी मंगाये है.
बता दें कि, ‘एनईपी-2020’ के अनुसार केंद्र सरकार ने इससे पहले ही राष्ट्रीय पाठ्यक्रम का प्रारुप घोषित किया था. साथ ही प्रत्येक राज्य को अपने-अपने राज्य की स्थानीय परिस्थितियां ध्यान में रखते हुए राज्यस्तर पर पाठ्यक्रम प्रारुप तैयार करने के निर्देश भी दिये गये. जिसके चलते महाराष्ट्र ने वर्ष 2023 के अंत में मूलभूत स्तर का यानि बालक मंदिर से लेकर कक्षा 2 री हेतु प्रारुप तैयार किया. जिसे नागरिकों की ओर से सुझाव मिलने के बाद अंतिम रुप भी प्रदान किया गया. वहीं अब 23 मई को राज्य शैक्षणिक संशोधन व प्रशिक्षण परिषद ने कक्षा 3 री से 12 वीं का पाठ्यक्रम प्रारुप घोषित किया है. जिस पर 3 जून तक सुझाव भेजने का आवाहन परिषद के संचालक राहुल रेखावार द्वारा किया गया है. इसके तहत लोगबाग अपने सुझाव और अभिप्राय परिषद द्वारा उपलब्ध कराई गई लिंक के जरिए ऑनलाइन भेजे जा सकते है. या फिर डाक के जरिए भी भेज सकते है.

बालकमंदिर से कक्षा दूसरी के पाठ्यक्रम में भाषा, गणित व परिसर अभ्यास ऐसे विषय है. गण्न पूर्व तैयारी, अक्षय परिचय, आकार परिचय, बडबड गीत, संभाषण व खेल आधारित अध्ययन आदि बातों का इस प्रारुप में समावेश है. पंचकोष के जरिए शारीरिक विकास, भाषिक विकास, बौद्धिक विकास, सामाजिक विकास व भावनिक विकास आदि बातों पर जोर दिया गया है. शिक्षा के ध्येय, लक्षण, क्षमता, अध्ययन व निष्पती ऐसे प्रवाह से पाठ्यक्रम विकसन का काम किया गया है.
– डॉ. सतपाल सोवले,
विशेषज्ञ सदस्य,
शैक्षणिक प्रारुप समिति (मूलभूत स्तर)

* अंगणवाडी की किताबों हेतु आदेश की प्रतिक्षा
एनईपी के अनुसार पूर्व माध्यमिक से कक्षा 2 री को शिक्षा का मूलभूत स्तर माना गया है. जिसमें अंगणवाडी को बालवाटिका संबोधित किया गया है. जिसके तहत बाल वाटिका-1, बाल वाटिका-2, बाल वाटिका-3 तथा कक्षा 1 लीं व कक्षा 2 री इन पांच कक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम प्रारुप को एससीईआरटी द्वारा तैयार किया गया है. जिसके अनुसार जल्द ही बालभारती के जरिए पाठ्यपुस्तकों की छपाई शुरु की जाएगी. इस संदर्भ में बालभारती के संचालक कृष्णकुमार पाटिल ने बताया कि, विद्यार्थियों हेतू साहित्य निर्मिति का काम बालभारती के पास होता है और अंगणवाडी की पाठ्यपुस्तकों की छपाई को लेकर बालभारती की तैयारी अपने अंतिम चरण में है. इन पाठ्यपुस्तकों की इसी वर्ष आपूर्ति करने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन इस संदर्भ में अब तक आदेश प्राप्त नहीं हुआ है और आदेश मिलने के बाद ही काम आगे बढेगा.

* पाठ्यक्रम प्रारुप में क्या है
– कक्षा 10 व 12 वीं हेतु साल में दो बार परीक्षा लेना.
– बोर्ड परीक्षा के तनाव को कम करने का प्रयास करना.
– एक विषय के लिए एक से अधिक पाठ्यपुस्तकें रखना और इस हेतु अलग-अलग संस्थाओं को प्रोत्साहित करना.
– केवल पाठ्यपुस्तकों पर निर्भर न रहते हुए अन्य साधनों (टीएलएम) के प्रयोग को बढाना.
– ‘10 दिन स्कूल बैग के बिना शाला’ उपक्रम में गांव के व्यापारियों व व्यावसायियों से विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिलाना.

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