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यह सब भाजपा का किया-धरा

सीएम उध्दव ठाकरे ने लगाया आरोप

* शिवसैनिकों से संवाद साधते समय हुए भावुक
मुंबई/दि.24– शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे द्वारा बगावत किये जाने के बाद दो दिन पूर्व मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने फेसबुक लाईव के जरिये अपनी भूमिका सबके सामने रखी थी. वहीं अब शिवसेना भवन में पार्टी के जिला प्रमुखों की बैठक में हिस्सा लेते हुए ही उध्दव ठाकरे ने शिवसैनिकों से संवाद साधा. जिसमें उन्होंने कहा कि, यह सबकुछ भाजपा का ही किया-धरा है और उन पर पिछले लंबे समय से भाजपा के साथ जाने हेतु दबाव बनाया जा रहा था.
इस समय सीएम उध्दव ठाकरे ने कहा कि, विगत दो वर्षों से पूरा राज्य कोविड की महामारी से परेशान है और वे खुद भी कोविड संक्रमण की चपेट में आये है. अभी कोविड की तकलीफ ठीक से खत्म भी नहीं हुई और उन्हें गर्दन की तकलीफ शुरू हो गई. ऐसे में उन पर दूसरी बार शल्यक्रिया की गई. ठीक इसी बात का फायदा उठाते हुए उनके विरोधियों ने अपनी योजना को अमल में लाया, क्योंकि उस समय उनके बेटे आदित्य ठाकरे भी विदेश में थे. पूरे घटनाक्रम को लेकर जानकारी देते हुए उध्दव ठाकरे ने कहा कि, एकनाथ शिंदे के साथ कुछ विधायकों के गुजरात चले जाने की जानकारी मिलने पर उन्होंने बाकी विधायकों को अपने घर पर बुलाया था. जिन्होंने कुछ भी हो जाने पर उन्हें छोडकर नहीं जाने की बात कही थी, लेकिन उस बैठक में उपस्थित रहनेवाले दादा भुसे व संजय राठोड वचन देने के बाद भी छोडकर चले गये. ऐसे लोगों का क्या किया जाये?
अपने द्वारा वर्षा बंगला छोड दिये जाने के बारे में पार्टी पदाधिकारियों से सीएम उध्दव ठाकरे ने कहा कि, उन्होंने कभी भी सपने में भी यह नहीं सोचा था कि, वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे. क्योंकि उन्हें कभी भी इस पद का मोह नहीं था. लेकिन सरकारी बंगला छोड देने का यह मतलब भी नहीं है कि, उन्होंने अपनी जिद, हिम्मत और लगन को भी छोड दिया है. वे बालासाहब ठाकरे की छत्रछाया में पले-बढे है और अंतिम सांस तक संघर्ष करना जानते है.

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