महाराष्ट्र

आंबेमोहर चावल की मांग बढ़ी

उत्पादन घटा ः प्रति क्विंटल 1000 से 1500 रुपए दर वृद्धि

पुणे/दि.11– खवैय्यों का विशेष पसंदीदा आंबेमोहोर चावल का उत्पादन कम होने से और मांग अधिक होने के कारण दाम में तेजी आयी है. आंबेमोहोर चावल के दाम घाऊक बाजार मेें 7500 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचे हैं. इस बार इस चावल के दाम में साधारणतः 1000 से 1500 रुपए प्रति क्विंटल वृद्धि हुई है. जिसके चलते आंबेमोहोर का आस्वाद लेने के लिए खवैय्यों को अधिक पैसे गिनने पड़ेंगे.
आंबेमोहोर को सुगंधी चावल का राजा कहा जाता है. आंबेमोहोर यह मूल रुप से महाराष्ट्र का है. पुणे परिसर के भोर, मावल, कामशेत, भीमाशंकर परिसर में आंबेमोहोर चावल का उत्पादन देने वाले किसान बड़ी संख्या में थे, मात्र अन्य वाणों की तुलना में आंबेमोहोर का उत्पादन कम हुआ है. इसलिए वाण महाराष्ट्रीय है फिर भी इसके उत्पादन में मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना यह राज्य आगे है. आंबेमोहोर चावल महाराष्ट्र में सर्वसाधारण रुप से बाहर महीने इस्तेमाल किया जाता है.सालभर इस्तेमाल किये जाने वाले बासमती, इंद्रायणी व सुरती कोलम के बराबरी में आंबेमोहोर का काफी मांग रहती है. विशेष रुप से पुणे में आंबेमोहोर चावल की काफी मांग है.
जनवरी माह में नये आंबेमोहोर चावल की आवक शुरु होती है. महाराष्ट्र में आने वाले कुल आंबेमोहोर चावल में से 80 प्रतिशत चावल मध्यप्रदेश से तो शेष 20 प्रतिशत चावल आंध्र प्रदेश, तेलंगना इन राज्यों से आता है. अमेरिका सहित इंग्लैंड एवं यूरोप से भी मांग बढ़ रही है. जिसका असर दाम पर हो रहा है.
* विश्वभर में निर्यात के कारण दर वृद्धि
बासमती की बजाय अन्य चावल के निर्यात में दिनोंदिन वृद्धि हो रही है. विशेष रुप से अमेरिका, ब्रिटेन सहित संपूर्ण यूरोप से आंबेमोहोर की काफी मांग है. इस बार सऊदी अरब एवं बांग्लादेश से भी आंबेमोहोर चावल की मांग बढ़ी है. आंबेमोहोर चावल मध्यप्रदेश में विष्णुभोग नाम से प्रसिद्ध है. मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश व तेलंगाना में सर्वाधिक उत्पादन लिया जाता है. फिर भी यहां के किसानों ने इस बार आंबेमोहोर चावल की बुआई कम कर कोलम चावल की बुआई अधिक मात्रा में की है. आंबेमोहोर चावल को आने वाला अधिक उत्पादन खर्च एवं उत्पादन हाथ में आने के लिए लगने वाला अधिक समय के कारण किसान आंबेमोहोर की बजाय कोलम की बुआई को प्रधानता दे रहे हैं, यह जानकारी चावल व्यापारी ने दी.

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