राज्य में बाघों का शिकार रोकने कानून में हो संशोधन : उद्धव
वन विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा
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चंद्रपुर में 200 बाघ
मुंबई/दि.4 – मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बाघों के शिकार को रोकने के लिए संबंधित कानून को प्रभावी रुप से लागू करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि, सख्त सजा के प्रावधान के लिए जरुरत पडी तो कानून में संशोधन किया जाए. सोमवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वन विभाग की वीडियों कॉफ्रेंसिंग के जरिए बैठक हुई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि, जिन जगहों पर वन्यजीवों के साथ हादसा होता है ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करके वैकल्पिक उपाय किया जाना चाहिए. जंगलों का विकास करने समय विशेष रुप से रेलवे लाइन का नियोजन करते समय वन विभाग से चर्चा की जानी चाहिए. जिससे वन्यजीवों को होने वाले खतरे को टाला जा सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि, बाघों का शिकार न होने के लिए जनजागृति के साथ कानून को लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि, पुलिस की मदद से स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर मुखबिरों का जाल तैयार करें. साथ ही जॉईंट पेट्रोलिंग बढाई जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि, राज्य में व्याघ्र संरक्षण के लिए महावितरण पुलिस, राजस्व और वन समेत सभी संबंधित विभाग एक साथ समन्वय से काम करें. जिला स्तर पर पुलिस अधिक्षकों की अध्यक्षता में बनाए गए व्याघ्र कक्ष की नियमित बैठक बुलाई जाएगी.
आरक्षित क्षेत्र के लिए प्रबंधन प्रारुप बनाएं : आदित्य
बैठक में राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने नए संवर्धन आरक्षित क्षेत्रों के प्रबंधन का प्रारुप जल्द तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि, संरक्षित वन क्षेत्र का ग्रीन कवर बढना चाहिए. महामार्गों के पास पौधारोपण के बोर में विचार किया जाए. इस बीच बैठक में बताया कि, राज्य में हुई गणना मेें 312 बाघ पाए गए है. जिसमें से केवल चंद्रपुर में 200 बाघ हैं. इसलिए वहां पर मानव और वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं अधिक होती हैं. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विशेष अध्ययन समूह की सिफारिशों को राज्य वन्यजीव बोर्ड ने मंजूर किया है. उस पर आगे की कार्यवाही शुरु है. बैठक मेें बताया गया कि, 10 में से 8 संवर्धन आरक्षित क्षेत्र की अधिसूचना जारी कर दी गई है. जबकि दो संवर्धन आरक्षित क्षेत्र अधिसूचित करने की कार्यवाही शुरु है. राज्य में कुल 71 संरक्षित क्षेत्र अधिसूचित किए गए हैं. जबकि राज्य में छह व्याघ्र प्रकल्प हैं.