कोरोना महामारी के बीच हजारों लोग रिजर्वेशन की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे
नियमों की जमकर उड़ाईं धज्जियां
मुंबई/दि. 7 – कोरोना महामारी के बीच मराठा रिजर्वेशन की आग एक बार फिर से भड़कने लगी है. शनिवार को बीड में हजारों लोगों ने विरोध मार्च निकाला. यह रैली का नेतृत्व विधायक और शिव संग्राम पार्टी के मुखिया विनायक मोटे ने किया था. महामारी के बीच कोरोना नियमों को ताक पर रखकर हजारों लोग रैली में शामिल होकर छत्रपति शिवाजी महाराज जिला खेल परिसर से डीएम ऑफिस तक पहुंचे. हैरानी की बात ये है कि बिना मंजूरी ही रैली में हजारों लोग जमा हो गए. इसके लिए कोई भी परमिशन नहीं ली गई थी. इसके साथ ही डीएम ऑफिस के बाहर एक सभा का भी आयोजन किया गया था. प्रदर्शनकारियों को जरा भी कोरोना संक्रमण का खौफ नहीं था. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं.
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हाथ जोड़कर नहीं मिल सकता आरक्षण
मराठा आरक्षण पर विधायक विनायक मोटे ने प्रदर्शनकारियों को चेताते हुए कहा कि हाथ जोड़कर और चिट्ठी लिखर आरक्षण मिलना संभव नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने उद्धव सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार के मन में पाप है, वह मराठा समुदाय को आरक्षण देना ही नहीं चाहती हैं. उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण रद्द करने के लिए अशोक चव्हाण के साथ ही उद्धव ठाकरे भी जिम्मेदार हैं. कानूनी कोशिशों के जरिए ही रिजर्वेशन मिल सकेगा.
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रैली में कोरोना नियमों की उड़ी धज्जियां
कोरोना महामारी के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मराठा आरक्षण के लिए निकाली गई रैली को देखते हुए सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए थे. इस दौरान 25 पुलिस इंस्पेक्टर, 350 से ज्यादा पुलिस कांस्टेबल, साकड़ों होमगार्ड के जवानों, SRI की टीम और दंगा नियंत्रण दस्ते को तैनात किया गया था.