महाराष्ट्र

लोणार सरोवर को लेकर अमरावती विभागीय आयुक्त को फटकार

धीमी गति से किए जा रहे है विकास काम

* हाईकोर्ट ने संभागायुक्त सहित बुलढाणा के जिलाधीश से मांगा स्पष्टीकरण
नागपुर/दि.9– रामसर पानथल स्थल का दर्जा मिले और व्यापक वैज्ञानिक संशोधन को बढावा देनेवाले विख्यात लोणार सरोवर के संवर्धन के लिए गंभीरता से प्रयास न किए जाने की बात ध्यान में रखते हुए मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने अमरावती विभागीय आयुक्त व बुलढाणा के जिलाधिकारी पर सवाल उठाए है.
राज्य सरकार ने लोणार सरोवर संवर्धन प्रारुप के लिए 369 करोड रुपए अदा किए है. प्रारुप पर अमल के लिए लोणार सरोवर संवर्धन समिति गठीत की गई है. अमरावती विभागीय आयुक्त समिति की अध्यक्ष तथा बुलढाणा के जिलाधिकारी सचिव है. यह समिति उदासिन तरीके से काम कर रही है. 18 जुलाई 2024 को समिति की बैठक हुई. इस बैठक में छिटपूट विषय चर्चा के लिए गए और प्रभावहीन सूचना की गई. न्यायालय ने यह बात ध्यान में रखते हुए विकास के लिए समर्पित रुप से प्रयास न करने का मत व्यक्त किया. काम धीमी गति से किया जा रहा है. काम निर्धारीत समय पर पूर्ण करने के लिए कोई योजना नहीं है. यह बात काफी निराशाजनक है. साथ ही प्रारुप पर अमल के लिए विलंब क्यों हो रहा है, ऐसी पूछताछ कर इस पर आगामी 21 अगस्त तक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश बुलढाणा के जिलाधिकारी को दिए है. संबंधित हलफनामा विभागीय आयुक्त की तरफ से मंजूर करने कहा गया है. उच्च न्यायालय ने लोणार सरोवर का जतन, संवर्धन व विकास के लिए खुद जनहित याचिका दायर की है.

* अतिक्रमण के कारण लोणार सरोवर प्रदूषित
लोणार सरोवर परिसर के नागरिको को अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन द्वारा संबंधित परिवार को घर निर्माण कर दिए है. साथ ही घर का वितरण भी हुआ है. लेकिन अनेक परिवारो ने अतिक्रमण की जगह छोडी नहीं है. उन्हें हटाने के लिए उचित प्रयास नहीं किए गए है. इस कारण यहां के गंदे पानी के कारण लोणार सरोवर प्रदूषित हो रहा है. न्यायालय ने विभागीय आयुक्त से इस पर स्पष्टीकरण मांगा है.

Related Articles

Back to top button