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ऑनलाइन फ्रॉड में अमरावती की युवती गिरफ्तार

अकोला के 4 युवक भी दबोचे

* सूत्रधार दिल्ली से चला रहा रैकेट
* बुजुर्ग महिला से 1.53 करोड की धोखाधडी
* शेयर और क्रिप्टो में निवेश के नाम पर ठगी
* सायबर पुलिस टीम की बडी सफलता, दिल्ली जायेगा जांच दल
अमरावती/ दि. 4 –शेयर मार्केट और क्रिप्टो में निवेश कर लाखों कमाने का लालच देकर सेवानिवृत्त महिला से 1 करोड 53 लाख 77824 रूपए की धोखाधडी में सीडी आर और मोबाइल लोेकेशन के आधार पर शिकायत के 48 घंटे के अंदर पुलिस की सायबर टीम ने बडी सफलता पायी. जब युवती सहित 5 आरोपियों को दबोचा. बडा खुलासा यह है कि आरोपी युवती अमरावती की रहनेवाली है. उसी प्रकार अकोला के चार युवकों को बंदी बनाया गया है. यह सभी बडे रैकेट हैंडलर के इशारों पर अपना बैंक एकाउंट इस्तेमाल के दोषी रहने की प्राथमिक जानकारी जांच में सामने आयी है. यह जानकारी आज दोपहर पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी ने मीडिया को दी. इस समय तीनों डीसीपी कल्पना बारावकर, गणेश शिंदे, सागर पाटिल, एसीपी शिवाजी बचाटे, निरीक्षक कल्याणी हुमने, सपोनि अनिकेत कासार भी उपस्थित थे. आरोपियों का 5 जुलाई तक कस्टडी रिमांड लिया गया है. उनके सूत्रधारों का पता चल गया है. आरोपियों को दबोचने जांच दल दिल्ली रवाना हो रहा है. यह जानकारी देते हुए सीपी ने बताया कि सूत्रधार मोहित गोपाल (40) और रवि मोर्या हैं. वह फिलीपिन्स में होने की जानकारी है.
* पकडे गये आरोपी
पुलिस ने बताया कि अमरावती और अकोला के युवकों को बरगलाकर और हजारों रूपयों का कमिशन का लोभ दिखाकर इन मामलों में शामिल किया गया है. उनके बैंक खातों का उपयोग फ्रॉड की मनी ट्रांसफर के लिए किया गया. जांच में तकनीकी विश्लेषण करने पर विवादित बैंक एकाउंट धारक दक्षता संजय डोंगरे (24, अमरावती) को पकडा गया. उसी प्रकार शुभम नागेशराव गुलाये (23, म्हाडा कॉलोनी, अकोला), गौरव शांतिलाल अग्रवाल (23, यशोदा नगर, कौलखेड, अकोला), नमन गजानन डहाके (23 रिंग रोड, निंभे नगर, कौलखेड अकोला, 4) रवि रामसुभाष मौर्या (33, जाजू नगर, कौलखेड रोड, हिंगणा फाटा, अकोला) को पकडा गया है. पहली बार स्थानीय आरोपी ऐसे ऑनलाइन फ्रॉड के प्रकरण में पकडे गये हैं. इन आरोपियों के बैंक एकाउंट का उपयोग किया गया.
विविध बैंकों में खाते
पुलिस ने बताया कि युवकों को 30 हजार रूपए कमिशन देने का लोभ दिखाकर उनके बैंक खाते खुलवाए गये. जबकि मुख्य आरोपी ने बैंक एकाउंट की डिटेल्स, चेक बुक और एटीएम कार्ड अपने कब्जे में ले लिए थे. कोटक महेन्द्रा बैंक, बंधन बैंक, फेडरल बैंक आदि 16 बैंकों में एकाउंट खोले गये थे. महिला शिकायतकर्ता द्बारा पहले चक्र में भेजी गई 42 लाख की राशि 14 बैंक खातों में तेजी से ट्रांसफर हुई और तुरंत ही खातों से विड्रॉल भी कर ली गई.
* केवल 745911 रूपए फ्रीज
फ्रॉड की रकम 216 बैंक खातों मेें ट्रांसफर की गई थी. अधिकांश खाते अभी पूरी तरह खाली हो गये हैं. केवल 745911 रूपए फ्रीज किए जा सके हैं. आगे जांच शुरू हैं. पुलिस दल दिल्ली जायेगा. कुछ रकम और हस्तगत की जायेगी.
इस टीम की सफलता
सीपी नवीनचंद्र रेड्डी, उपायुक्त कल्पना बारवकर, सहायक आयुक्त शिवाजी बचाटे के मार्गदर्शन में निरीक्षक कल्याणी हुमणे, सपोनि अनिकेत कासार, हवालदार शैलेंद्र अर्डक, पंकज गाडे, उल्हास टवलारे, सुधीर चर्जन, अपर्णा बेंडे, पुलिस नाईक प्रशांत मोहोड, सिपाही अनिकेत वानखडे, सुषमा आठवले ने आरोपियों को दबोचने की कार्रवाई की. एएसआय कासार ने बताया कि 27 जून को शिकायत मिलने के बाद 28 जून को ही सीडीआर और मोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोपियों का पता चल गया था. आरोपियों को दबोचने में थोडा समय लगा. 1 जुलाई को आरोपियों को पकडा गया.

* क्रिप्टो में दिखाया लाभ
सीपी रेड्डी ने बताया कि शिकायतकर्ता महिला को वॉट्सअ‍ॅप पर लिंक भेजकर उसे क्लीक करने कहा गया. जिससे वियाका एक्सचेंज नाम का एप डाउनलोड कर उसमें रकम निवेश करने पर भरपूर मुनाफा मिलने का लालच बताया गया. महिला ने उनके अलग- अलग बैंक खातों से समय-समय पर आरटीजीएस द्बारा कुल 1.53 करोड रूपए ट्रांसफर कर दिए. शेयर और क्रिप्टो करंसी में मुनाफा देने के नाम पर धोखाधडी की गई. शिकायत पर भादंवि धारा 419, 420, 465, 467, 471 और आयटी एक्ट की धारा 66 क, 66 ड के तहत अपराध दर्ज कर तत्काल जांच शुरू की गई. रेड्डी ने बताया कि आरोपियों ने शुरूआत में शिकायतकर्ता महिला को 2-3 लाख रूपए मुनाफा भी बताया था.

* 4 करोड का लोभ
आरोपियों ने ब्रिटेन में नामांकित कंपनी का जाली एप बनाकर क्रिप्टो में निवेश का लोभ दिखाया था. फिर्यादी ने खातों में रकम ट्रांसफर करने के बाद बताया गया कि उन्हें भारी मुनाफा हुआ है.उनकी रकम 4 करोड हो गई है. जिसका टीडीएस अदा करना होगा. इस नाम पर महिला से फिर 75 लाख रूपए मांगे गये. 4 करोड के लोभ में वह 75 लाख भी डूब गये.

* एफडी पर लिया लोन
पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता महिला ने सर्वप्रथम 42 लाख 82 हजार रूपए भरे थे. दूसरी बार 24 लाख रूपए भरे. उन्हें भारी मुनाफे की बात कहकर रकम 4 करोड हो जाने और उसका टीडीएस शीघ्र न भरने पर रकम लैप्स होने का डर बताया गया था. जिससे घबराई महिला ने पति के मना करने के बावजूद अपनी एफडी पर लोन लेकर आरोपी ठग द्बारा बताए गये खाते में 75 लाख रूपए जमा करा दिए. दो दिनों तक पैसे न आने पर महिला को फ्रॉड का अहसास हुआ और उन्होंने सायबर थाने की राह ली. इस बीच पुलिस ने बताया कि महिला तुरंत शिकायत कर देती तो उनके 75 लाख तत्काल ट्रेस कर उन्हें लौटा देते. फिलहाल 7.45 लाख रूपए फ्रीज किए जा सके हैं. यह बहुत बडा रैकेट हैं. जिसका पूरे देश में जाल फैला है.

युवकों को लुभा रहे धोखेबाज
पुलिस ने बताया कि ऑनलाइन फ्रॉड के इस बडे प्रकरण से स्पष्ट हुआ है कि स्थानीय छोटे मोटे काम करने वाले अथवा बेरोजगार युवकों को धोखेबाज फांस रहे हैं. उन्हें कमिशन का लोभ दिखाकर उनके नाम से सीम और बैंक खाते खोलकर उनका उपयोग फ्रॉड के लिए किया जा रहा हैं. ताजा मामले में पकडे गये दो युवक इलेक्ट्रीशियन और एक बेरोजगार हैं. युवती बडनेरा रोड के मॉल के रेस्टॉरेंट में जॉब करती हैं.
* आरोपियों से यह सामग्री जब्त
सीपी रेड्डी ने कहा कि आरोपियों को विदेशों से भी धर दबोचने के लिए प्रयास होेंगे. लुक आउट नोटिस जारी कर विदेश में फिलीपिन्स में जाकर बैठे मोहित को पुलिस दबोच लायेगी. आरोपियों से अभी विविध बैंकों के तीन चेकबुक, चार पास बुक, 20 एटीएम कार्ड, 17 सिमकार्ड, एक एसडी कार्ड और 5 रबर स्टैंम्प, 6 मोबाइल हैंडसेट जब्त किए गये हैं.

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