महाराष्ट्र

75 शहरों में बनेंगे अमृत वन उद्यान

हर जिले के 25 गांवों में पंचायतन वन उद्यान

धार्मिक स्थलों पर खुलेंगे बेल उद्यान
मुंबई/दि.12-आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में राज्य सरकार ने प्रदेश के 75 शहरों में अमृत वन उद्यान बनाने का फैसला किया है. इसके साथ ही हरेक जिले के 25 गांवों में वृक्षारोपण अभियान के तहत पंचायतन वन उद्यान बनाए जाएंगे. राज्य के 75 धार्मिक स्थलों पर बेल वन उद्यान का निर्माण होगा. तीनों योजनाओं के लिए सरकारी आदेश जारी किए गए हैं.
अमृत वन उद्यान में औषधीय वनस्पति, दुर्लभ वनस्पति सहित राय के प्रमुख पौधे लगाए जाएंगे. जिला या तहसील अथवा स्थानीय निकायों के 75 जगहों पर अमृत वन उद्यान के निर्माण के लिए वन जमीन, सरकारी जमीन, संबंधित स्थानीय निकाय अथवा वन विकास महामंडल को 1 से 5 हेक्टेयर तक की जमीन का चयन करना होगा. अमृत वन उद्यान का संरक्षण अगले 7 वर्ष वन विभाग करेगा. 7 साल पूरे होने पर वन विभाग उद्यान देखभाल के लिए स्थानीय निकायों, स्वयंसेवी संस्थाओं अथवा वन महामंडल को गारंटी पत्र लेकर हस्तांतरित कर सकेगा. योजना सात साल के लिए रहेगी. योजना अवधि खत्म होने के बाद उद्यान में पेड़ों की जानकारी संबंधित क्यूआर कोड, पैगोडा हर्बल गार्डन आदि विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत तैयार की जाएगी. अमृत वन उद्यान बनाने के खर्च को अंतिम मंजूरी नागपुर के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वनबल प्रमुख) को देने का अधिकार होगा.
* पंचायतन वन उद्यान ः 7 साल होगी अवधि
ग्रामीण इलाकों में वन विभाग की ओर से हर जिले के 25 गांवों मेंं बरगद, पीपल, नीम, देशी आम, बेल का पेड़ लगाकर पंचायतन वन उद्यान बनाया जाएगा. इसके लिए वन जमीन, सरकारी जमीन, स्थानीय निकायों और वन महामंडल की उपलब्ध जमीन का चयन किया जाएगा. 0.5 एकड़ से 1 हेक्टेयर तक की जमीन का इस्तेमाल किया जा सकेगा. योजना की अवधि सात साल होगी.
* 1 से 2.5 एकड़ क्षेत्र में बेल वन उद्यान खोले जाएंगे
राज्य के 75 धार्मिक स्थलों पर वन विभाग की ओर से बेल, सीता अशोक, रुद्राक्ष, बेर, स्वस्तिक आदि पौधे तीर्थ क्षेत्रों पर लगाकर बेल वन उद्यान बनाया जाएगा. बेल वन उद्यान बनाने के लिए तीर्थस्थल वाले गांवों को प्राथमिकता दी जाएगी. वन जमीन, सरकारी जमीन, स्थानीय निकायो अथवा वन महामंडल की जमीन पर 1 से 2.5 एकड़ क्षेत्र में बेल वन उद्यान खोले जाएंगे.
वनविभाग के मजदूरों को महीने के भीतर मिलेगी मजदूरी
वन विभाग अब मजदूरों को महीने के भीतर मजदूरी का भुगतान करेगा. वन व वनेतर क्षेत्रों में किए जाने वाले कामों की मजदूरी एक महीने के भीतर चुकाने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की रहेगी. लापरवाही बरतने पर संबंधित वनसंरक्षक, विभागीय वन अधिकारी, सहायक वन संरक्षक अथवा वन क्षेत्रपाल को जिम्मेदार माना जाएगा. वन विभाग के कामों के लिए आवश्यक मजदूरों की अपडेटेड जानकारी उपलब्ध करने के लिए नागपुर के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (बजट, नियोजन व विकास) को सर्वसमावेशीय ऑनलाईन प्रणाली विकसित करनी होगी. वन विभाग के तहत राज्य, जिला, केंद और कैम्पा योजना के काम किए जाते हैं. इसके तहत वन क्षेत्र में पौधे लगाने, वन संवर्धन, वन्यप्राणी संवर्धन और प्रबंधन आदि के काम किए जाते हैं.
आज से शुरु हुई आरटीई के तहत दाखिले की प्रक्रिया
निजी स्कूलों में गरीब परिवारों के 25 फीसदी छात्रों के दाखिले से जुड़ी आरटीई प्रक्रिया बुधवार से शुरु हुई. लॉटरी पद्धति में सीट जीतने वाले छात्रों के अभिभावकों द्वारा रजिस्टर कराए गए मोबाइल नंबर पर 12 अप्रैल को संदेश भेजा जाएगा. अभिभावकों को 13 से 30 अप्रैल के बीच दाखिले को स्वीकार्यता देनी होगी. आरटीई की लॉटरी 5 तारीख को निकाली गई थी. बता दें कि आरटीई के तहत पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को दाखिला दिया जाता है. इसके जरिए निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटों पर गरीब और वंचित परिवारों के छात्रों को दाखिला दिया जाता है. बता दें कि राय के 8 हजार 828 स्कूलों में 1 लाख 1 हजार 969 सीटेें आरटीई के तहत उपलब्ध है. इन सीटों के लिए 3 लाख 64 हजार 390 छात्रों के अभिभावकों की ओर से आवेदन किया गया था.

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