महाराष्ट्रवाशिम

‘मायका खो चुकी बेटियों’ को याद दिलाने वाला सम्मान

कारखेडा ग्राम पंचायत का अभिनव उपक्रम

मानोरा /दि.17– जिन बेटियों का शादी के बाद मायका गुम हो गया. गांव में माता-पिता, भाई-बहन कोई भी नहीं बचे, ऐसी बेटियों को फिर से एक बार मायके की याद दिलाने वाला अभिनव उपक्रम मानोरा तहसील के कारखेडा ग्राम पंचायत में चलाया. ‘मायका खो चुकी बेटी का सम्मान’ इस हृदयस्पर्शी समारोह का आयोजन सोमवार 13 अप्रैल को श्री शंकर गिरी महाराज संस्थान के सभागृह में किया गया.
गांव में खेली-खूदी, शिक्षा ली और विवाह के बाद ससुराल गई, ऐसी अनेक बेटी आज उनके मूल गांव में कोई भी न रहने से वापिस कभी लौट नहीं पायी थी, ऐसी 88 बेटियों की तलाश कर ग्रामपंचायत ने उन्हें विशेष निमंत्रण दिया और मायके की याद दिलाने वाला सम्मान समारोह संपन्न हुआ. इस कार्यक्रम के कारण बेटियों को फिर से अपने गांव के मिट्टी की खुशबू, घर के सामने के पेड, परिचित सडके, शाला और बचपन की यादों का अनुभव हुआ. कार्यक्रम का संचालन रसीका तुषार देशमुख ने किया. प्रस्ताविक मोनाली मात्रे ने तथा आभार प्रदर्शन राजेश्ररी देशमुख ने किया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक किरण सरनाईक ने की. प्रमुख अतिथि के रुप में सांसद संजय देशमुख, विधायक सई डहाके, सहकार नेता सुरेश गावंडे, वृशाली संजय देशमुख, तेजस्वी डहाके, सरपंच सोनाली बबनराव देशमुख, उपसरपंच अनिल काजले, पूर्व सभापति राजेश नेमाणे, चंद्रकांत राठोड, मोहन देशमुख, योगेंद्र देशमुख, विक्रांत देशमुख, प्रभाकर भोयर, पुलिस पाटिल, वासुदेव सोनोने, तंटामुक्ति अध्यक्ष प्रशांत देशमुख आदि उपस्थित थे.

* 52 बेटी पति के साथ उपस्थित
मायका खो चुकी 88 बेटियों में से 52 बेटी अपने पति के साथ इस कार्यक्रम में उपस्थित रही. सभी बेटियों को साडी-चूडी देकर मान्यवरों के हाथों सम्मानित किया गया. गांव के दामाद का भी शाल, श्रीफल देकर सत्कार किया गया.

* सभी की आंखे भर आयी
मायका खोने के कारण अनेक बेटी लंबे समय से गांव में आ नहीं पायी थी. ग्रामपंचायत के इस उपक्रम के कारण वह फिर से गांव पहुंची और मायके की मिट्टी की खूशबू का उन्हें अनुभव लेने मिला. सत्कार के समय अनेक बेटियां अपने आंसू नहीं रोक पायी. सत्कार का जवाब देते समय उनका दिल भर आया था.

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