बुलढाणामहाराष्ट्र

खुदाई में मिली पांच सिर वाले नाग की मूर्ति

ऐतिहासिक महत्व उजागर, भक्तों द्वारा महादेव मंदिर में पूजा

खामगांव /दि.21– मांडका में रविवार शाम को घर के निर्माण के लिए खुदाई करते समय मजदूरों को एक प्राचीन पंच फनधारी नाग मूर्ति मिली. मूर्ति मिलने की खबर गांव में तेजी से फैली और घटनास्थल पर बडी भीड जमा हो गई. नागरिकों ने मूर्ति का विधिवत पूजन कर उसे गांव के महादेव मंदिर में रखा है.
खामगांव शहर से केवल 7 किमी दूर स्थित मांडका एक छोटा सा गांव है. इस गांव में लक्ष्मणगीर महाराज का प्राचीन मंदिर हैं और शंकरगीर महाराज ने यहां शाताब्दी पहले जीवित समाधि ली थी. शिवाजी चौक क्षेत्र में उनके समाधि का मंदिर भी स्थापित किया गया है. इसी समय महानुभाव पंथ का एक दत्त मंदिर भी गांव में है. रविवार को महात्मा फुले क्षेत्र में वामनराव खंडारे के घर के निर्माण के दौरान यह मूर्ति मिली. मूर्ति देखने के लिए आस-पास के गांवों के नागरिक बडी संख्या में एकत्रित हुए थे.

* मूर्ति की कलात्मकता और ऐतिहासिक महत्व
मांडका में मिली पांच फनधारी नाग मूर्ति अत्यंत आकर्षक और उत्कृष्ट स्थापत्य कला का उदाहरण है. इसकी सुसज्जित डिजाइन और मूर्तिकला की उच्च गुणवत्ता को दर्शाती है. इतिहासकारों के अनुसार, यह मूर्ति किसी स्थापत्य शिल्प का हिस्सा हो कसती है. जहां मूर्ति मिली है, वहां शिवलिंग या मंदिर के परिसर से संबंधित होने की संभावना है. यह मूर्ति मांडका गांव या आसपास के क्षेत्र की प्राचीन स्थापत्य कला का हिस्सा हो सकती है.

* नाग पूजा की परंपरा जैन धर्म, नाग पूजक संस्कृति और शैव पंथ में महत्वपूर्ण मानी जाती है. मूर्ति की कलात्मकता और शैली अत्यंत परिपूर्ण है और इस पर और अधिक शोध करने से महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है. इस प्रकार की उच्च गुणवत्ता की मूर्ति निश्चित रुप से आगे के शोध के लिए मार्गदर्शन करेगी.
– डॉ. श्याम देवकर,
मूर्तिशास्त्र विशेषज्ञ, खामगांव.

* पांच फनधारी नाग मूर्ति के लिए प्रशासन को खुदाई और अन्य संबंधित मामलों पर विचार करना आवश्यक है, ताकि ऐतिहासिक धरोहर का खुलासा हो सके. वर्तमान में इस मूर्ति को गांव के महादेव मंदिर में रखा गया है.
– कैलास देशमुख,
ग्रामवासी, मांडका.

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