महाराष्ट्र

और तीन महिने नहीं जायेगा कोरोना

सरकार ने अस्पतालों को लेकर लिया बडा फैसला

  • सभी निजी व सहकारी अस्पतालों के ८० फीसदी बेड रहेंगे आरक्षित

मुंबई/दि.२ – इस समय कोरोना का संंक्रमण (Corona infection) दिनोंदिन बढता जा रहा है और राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने के साथ-साथ कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करने हेतु तमाम आवश्यक कदम उठाये जा रहे है. जिसके तहत सरकार ने राज्य के सभी निजी व धर्मदाय आयुक्त के पास पंजीकृत सहकारी अस्पतालों में ८० फीसदी बेड को कोरोना व अन्य मरीजों के इलाज हेतु आरक्षित रखने के निर्णय को तीन माह की समयावृध्दि दी है. जिसका साफ मतलब है कि, अगले तीन माह तक कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बना रहेगा. इस संदर्भ में राज्य स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. प्रदीप व्यास द्वारा एक संशोधित अधिसूचना जारी किये जाने की जानकारी देते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया कि, आपातकालीन व्यवस्थापन अधिनियम, महामारी नियंत्रण अधिनियम तथा बॉम्बे चैरिटेबल ट्रस्ट व बॉम्बे नर्सिंग होम अधिनियम के अनुसार सभी निजी अस्पतालों को राज्य सरकार द्वारा जारी आदेशों का पालन करना अनिवार्य रहेगा. साथ ही निजी अस्पतालों में मरीजोें के लिए बेड उपलब्ध कराने के साथ ही इलाज शुल्क की दरों पर भी सरकार का नियंत्रण रहेगा. उन्होंने बताया कि, निजी अस्पतालों में भरती होनेवाले मरीजों को बिल देने से पहले उन बिलों की लेखा परीक्षक द्वारा जांच करने के निर्देश जारी किये गये है, ताकि अस्पतालों द्वारा मनमाने ढंग से बिल न वसूल किये जाये. साथ ही नागरिकोें से आवाहन किया गया है कि, यदि उनके पास इस संदर्भ में कोई शिकायत है, तो वे जीवनदायी योजना की वेबसाईट व ईमेल आयडी पर अपनी शिकायतें प्रेषित कर सकते है. बता देें कि, कोरोना के लगातार बढते संक्रमण की वजह से राज्य के सरकारी अस्पतालों में कोरोना संक्रमित मरीजों को भरती करने हेतु बेड अपर्याप्त पडने लगे थे. जिसके चलते राज्य सरकार ने निजी एवं सहकारी अस्पतालों में ८० प्रतिशत बेड कोविड व नॉन कोविड मरीजों हेतु आरक्षित रखने का निर्णय लिया था. ३१ अगस्त तक की समयावधि हेतु लिए गये इस निर्णय को अब आगामी तीन माह तक समयावृध्दि देने का फैसला सरकार द्वारा लिया गया है. जिसके चलते अब आगामी तीन माह तक राज्य के सभी निजी व सहकारी अस्पतालों में कोविड व नॉन कोविड मरीजों के लिए ८० प्रतिशत बेड आरक्षित रहेंगे.

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