मुंबई/दि.२१– नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ने अनिल अंबानी के खिलाफ दिवालिया की कार्यवाही आगे बढ़ाने की इजाजत दे दी है. जिससे अनिल अंबानी की मुश्किल और बढ़ गई है. भारतीय स्टेट बैंक का का 1200 करोड़ रुपये का कर्ज न चुका पाने की वजह से उनके खिलाफ यह आदेश आया है.
गौरतलब है कि स्टेट बैंक ने साल 2016 में अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनियों रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस इंफ्राटेल को यह कर्ज दिए थे.
अनिल अंबानी ने इन कर्जों के लिए 1200 करोड़ रुपये की पर्सनल गारंटी दी थी. अब दोनों कंपनियां बंद हो गई हैं. इसकी वजह से एसबीआई को मुंबई एनसीएलटी में अपील करनी पड़ी. बैंक ने मांग की कि दिवालिया कानून के मुताबिक अनिल अंबानी से यह रकम वसूली की इजाजत दी जाए क्योंकि उन्होंने इस लोन की पर्सनल गारंटी दी है.
एनसीएलटी मुंबई ने अपनी टिप्पणी में कहा, आरसीओएम और आरआइटीएल दोनों ने जनवरी 2017 में लोन के भुगतान में डिफॉल्ट किया है. उनके एकाउंट को 26 अगस्त 2016 से ही नॉन परफॉर्मिंग एसेट घोषित कर दिया गया था.
गौरतलब है कि साल 2019 की शुरुआत में आरसीओएम ने बैंकरप्शी यानी दिवालिया होने के लिए आवेदन किया और बताया कि उसके उपर करीब 33,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. हालांकि, बैंकों का कहना है कि उनका अगस्त 2019 तक आरसीओएम के उपर 49,000 करोड़ रुपये का बकाया है.
इसी साल मार्च में एसबीआई बोर्ड ने आरसीओएम के लिए एक समाधान योजना पेश की, जिसमें यह कहा गया कि करीब 50 फीसदी की छूट देते हुए बैंक अपना 23,000 करोड़ रुपये वसूल लेंगे.