मुंबई/दि.२९-महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को 100 करोड़ रुपए की वसूली मामले में सीबीआई ने क्लीन चिट दे दी है. यह खबर रविवार सुबह से ही वायरल हो रही है. इस दावे की पुष्टि के लिए एक पीडीएफ फाइल सामने आई है. इस आधार पर एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने केंद्र सरकार और भाजपा पर जम कर हमले भी कर डाले. लेकिन अब इस मामले में एक नया खुलासा हुआ है. अनिल देशमुख को सीबीआई ने कोई क्लीन चिट नहीं दी है. तो सवाल है कि जो पीडीएफ फाइल सीबीआई की गोपनीय रिपोर्ट के नाम से वायरल हो रही है, जिसमें यह सिफारिश की गई है कि सबूतों के अभाव में अनिल देशमुख के खिलाफ वसूली मामले से जुड़ी जांच बंद कर देनी चाहिए, वो क्या है? वो फाइल अगर सीबीआई की ओर से जारी नहीं की गई है तो किसने यह फ़र्ज़ी काम किया है? सीबाआई की ओर से तो यह सफाई आई है कि अनिल देशमुख के खिलाफ वसूली मामले में जांच अभी जारी है. उन्हें किसी तरह की क्लीन चिट नहीं दी गई है. यानी सीबीआई ने यह खुलासा करके स्पष्ट कर दिया है कि उसकी तरफ से अनिल देशमुख के खिलाफ केस बंद करने की कोई सिफारिश नहीं की गई है. अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि गृहमंत्री के पद पर रहते हुए देशमुख ने सचिन वाजे समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को होटलों और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दिया था. इस पर बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह देशमुख पर लगे आरोपों की प्राथमिक जांच करे और अगर कोई तथ्य मिले तो जांच को आगे बढ़ाए. इस पूरे मामले में सीबीआई की जांच शुरू है. लेकिन इसी बीच रविवार को एक पीडीएफ फाइल के आधार पर यह खबर फैल गई कि सीबीआई ने अनिल देशमुख को क्लीन चिट देने की सिफारिश की है. इस पीडीएफ फाइल को यह कह कर प्रचारित किया गया कि यह सीबीआई की जांच से जुड़ी रिपोर्ट की एक गोपनीय फाइल है. लेकिन अब सीबीआई ने इस पूरी खबर को झूठ करार दे दिया है.
सीबीआई की ओर से कहा गया
इस पूरे मामले में सीबीआई की ओर से कहा गया है कि, ‘महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख से जुड़े मामले में हमें अनेक सवालों का जवाब जानना है. बॉम्बे हाईकोर्ट में इस मामले से जुड़ी अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की गई हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई को प्राथमिक जांच करने को कहा था. यह जांच हमने की और जांच में पाए गए सबूतों के आधार पर केस दर्ज किया. सीबीआई ने 21 अप्रैल को केस दर्ज किया है. उसकी कॉपी 24 अप्रैल से सीबीआई की अधिकृत वेबसाइट पर उपलब्ध है. इस मामले में अभी भी जांच शुरू है. ‘
वायरल हुई फाइल कहां से आई, क्या कह रही है सीबीआई?
यानी सीबीआई ने अपने इस खुलासे में यह तो स्पष्ट कर दिया है कि उसकी तरफ से देशमुख को क्लीन चिट नहीं दी गई है. देशमुख के खिलाफ जांच अभी जारी है. लेकिन जो क्लीन चिट का दावा करने वाली पीडीएफ फाइल वायरल हुई, वो फाइल कहां से आई, इस सवाल का जवाब सीबीआई ने नहीं दिया है. अपने खुलासे में सीबीआई ने पीडीएफ का उल्लेख तक नहीं किया है. इस बीच पीडीएफ फाइल के बारे में एक बात बता दें कि उसमें किसी भी अधिकारी का हस्ताक्षर नहीं है. इसलिए वह फाइल जिसे सीबीआई की गोपनीय रिपोर्ट बताया जा रहा है, उसकी वैधता पर ही सवाल है.