मुंबई/ दि.12– राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने उनके रिश्तेदार के कंपनी से ही 10.90 करोड रुपए पाने की संभावना ईडी ने व्यक्त की है. मगर यह अलग मामला है. इसका 100 करोड रुपए के मामले से कोई संबंध न होने की बात ईडी के सूत्रों व्दारा बताई गई.
सत्यजित देशमुख यह अनिल देशमुख का भतीजा है. इनोवेव इंजीनियरिंग एण्ड एडवाइजर्स प्रा.लि. वह सीईओ है. उसकी इस कंपनी में 30 प्रतिशत और अजय ढवंगाले नामक व्यक्ति की 70 प्रतिशत हिस्सेदारी है. अजय ढवंगाले नागपुर के है. अनिल देशमुख के करीबी है. इनोवेव एण्ड एडवाइजर्स प्रा.लि. को समृध्दि महामार्ग, मुंबई के वर्सोवा-बांद्रा, सी-लिंक व सागर किनारे का मार्ग इन तीन प्रकार के प्रोजेक्ट के सलाहकार के नाते से 2018 से 2020 के बीच उपठेका मिला. उन तीनों प्रोजेक्ट का मूल ठेका अलग-अलग है, ऐसा होने के बाद भी मूल ठेकेदार ने उस काम के उपठेकेदार के रुप में इसी कंपनी का चयन किया है यह विशेष.
ईडी की जांच में सामने आया यहीं मुद्दा घोटाले का संदेह निर्माण करने वाला साबित हुआ. इनोवेव कंपनी ने इससे पहले सलाहकार के रुप में एक भी प्रोजेक्ट पर काम नहीं किया. फिर भी उन्हें ठेका कैेसे मिला, ऐसा संदेह है. इसी समय इनोवेव कंपनी ने 2018 से 2020 के बीच अंश इंम्प्राटेक प्रा.लि. इस कंपनी को 3.81 करोड रुपए दिये थे. वह कंपनी अजय ढवंगले की है. सामग्री की आपूर्ति करने व अंतर्गत सजावट के काम के लिए यह रकम दिये जाने के दस्तावेज दिखाए गए. मगर हकीकत में इस तरह के कोई काम नहीं किये गए. ऐसा सत्यजित देशमुख ईडी ने लिये बयान में उल्लेख है, ऐसा भी सूत्रों व्दारा बताया गया.