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अनिल परब है शिवसेना के गद्दार

सेना नेता रामदास कदम ने लगाया गंभीर आरोप

मुंबई/दि.18– इस समय शिवसेना के वरिष्ठ नेता रामदास कदम तथा राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब के बीच जबर्दस्त तनातनी चल रही है और दोनों ओर से जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाये जा रहे है. इसी के तहत अब शिवसेना नेता रामदास कदम ने परिवहन मंत्री अनिल परब को शिवसेना के लिए गद्दार बताते हुए कहा कि, अनिल परब ने शिवसेना को पूरी तरह से राकांपा के पास गिरवी रखने का काम किया है. ऐसे में यदि शिवसेना को बचाना है, तो शिवसेना के पार्टी प्रमुख व मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे द्वारा जल्द से जल्द इस मामले में ध्यान दिया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि, वे बहुत जल्द मंत्री अनिल परब के खिलाफ अदालत में जायेंगे.
रत्नागिरी में शिवसेना पदाधिकारियों के चयन में अपने समर्थकों की अनदेखी करने के बाद रामदास कदम ने जबर्दस्त ढंग से आक्रामक होते हुए रत्नागिरी के पालकमंत्री अनिल परब तथा राज्य के उच्च व तंत्रशिक्षा मंत्री उदय सामंत को जमकर आडे हाथ लिया और एक पत्रकार परिषद बुलाते हुए कहा कि, पार्टी के दो नेताओं के बीच चल रहा विवाद आम जनता व समाज के सामने न आये. इस बात को ध्यान में रखते हुए वे अब तक कई बातों का परहेज करते रहे. किंतु अब पानी धीरे-धीरे सिर से उपर जाने लगा है. खुद को भगवा झेंडे का सच्चा सिपाहीं बताते हुए रामदास कदम ने कहा कि, उन्होंने आज तक कभी भी कोई पार्टी विरोधी काम नहीं किया. वहीं रत्नागिरी के पालकमंत्री रहनेवाले अनिल परब ने रत्नागिरी में शिवसेना को पूरी तरह से भगवान भरोसे छोड दिया है. विगत दो वर्षों के दौरान परब केवल 15 अगस्त व 26 जनवरी के मौके पर ही रत्नागिरी आये और स्थानीय शिवसेना नेताओं व पदाधिकारियों से उनका कोई समन्वय नहीं है. इस समय उन्होंने यह भी कहा कि, उनकी भाजपा नेता किरीट सोमैया से किसी भी तरह की बातचीत या मुलाकात नहीं हुई है और उन्होंने सोमैया को किसी भी तरह के दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं कराये. साथ ही उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि, अनिल परब ने आखिर गैरकानूनी तरीके से रिसोर्ट क्यों बनाया, पहले तो अनिल परब ने गैरकानूनी निर्माण किया और उसके खिलाफ तोडू कार्रवाई होने पर वे उन (कदम) पर आरोप लगा रहे है. लेकिन हकीकत यह है कि, उन्होंने इस संदर्भ में सोमैया को कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाये. साथ ही रामदास कदम ने यह भी कहा कि, उन्होंने अपने जीवन के 52 वर्ष शिवसेना के दिये है और अब उनके बच्चे भी बडे व लायकदार हो गये है. ऐसे में यदि उन्हेें पार्टी से बाहर भी निकाल दिया जाता है, तो भी वे हमेशा ही शिवसैनिक ही रहेंगे और उनके बच्चे भी अपने भविष्य को लेकर योग्य निर्णय ले सकते है.

 

 

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