फर्जी कोविड प्रमाणपत्र देनेवाला एक और रैकेट धरा गया
औरंगाबाद का मामला, दो आरटीओ एजेंट पकडे गये
* ओमनी वैन में चला रहे थे फर्जीवाडे का कारखाना
औरंगाबाद/दि.17- शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करने हेतु जिला व मनपा प्रशासन द्वारा हर ओर टीकाकरण प्रमाणपत्र अनिवार्य किये जाने के बाद जिले में बोगस टीकाकरण प्रमाणपत्र तैयार करके देनेवाले लोग सक्रिय हो गये है. कुछ दिन पूर्व शहर के एक सरकारी डॉक्टर की सहायता से चलनेवाला इस तरह का मामला सामने आया था. वहीं अब फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर देनेवाले दो आरटीओ एजेंट पुलिस के हत्थे चढे. साथ ही पता चला है कि, औरंगाबाद शहर सहित जिले में ऐसे कई लोग फर्जी कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र बनाने का कारखाना खोले बैठे है. जिसके चलते पुलिस को संदेह है कि, शहर में अब तक हजारों फर्जी प्रमाणपत्रों का वितरण हो चुका है.
पुलिस ने इस मामले में अदनानउल्ला मुजीब बेग तथा शेख मिनाजउद्दीन शेख अशफाकउद्दीन नामक दो लोगों को गिरफ्तार किया है. मारूती ओमनी वैन में बैठकर अपना काम करनेवाले इन आरोपियों के लैपटॉप पर पीडीएफ स्वरूप में कोविड टीकाकरण का एक असली प्रमाणपत्र था. इस पीडीएफ फाईल का गूगल पर पीडीएफ कन्वर्रटर की सहायता से वर्ड फाईल में रूपांतरित करने के बाद उसमें पहले से दर्ज जानकारी को मिटाकर ग्राहक का नाम व आधार क्रमांक डालकर उसकी प्रिंट निकाली जाती थी और यह फर्जी प्रमाणपत्र 200 से 500 रूपये में बेचा जाता था. जिसमें वैक्सीन का एक भी डोज नहीं लगवानेवाले व्यक्ति को दोनों डोज लगवा चुका व्यक्ति दर्शाया जाता था. इन दो लोगों पर कार्रवाई होने की जानकारी मिलते ही यह काम करनेवाले अन्य लोग फरार हो गये है. जिनकी अब पुलिस द्वारा तलाश की जा रही है.