महाराष्ट्र

इंटरसिटी ट्रेन के लिए लगाई हाईकोर्ट में गुहार

रेल परिषद एनएक्स की जनहित याचिका दर्ज

  • मुंबई-नाशिक व पुणे मुंबई दौरान दौड़नेवाली इंटरसिटी ट्रेन को अभी तक हरी झंडी नहीं दिखाई

मुंबई/दि.7 – मुंबई-नाशिक, पुणे-मुंबई दौरान दौड़नेवाली इंटरसिटी ट्रेन शुरू की जाए व उस ट्रेन के यात्रियों को मासिक, तिमाही, छमाही पास दी जाए, इसके लिए रेल परिषद एनएक्स इस मुंबई-नाशिक ट्रेन यात्रियों के संगठन ने उच्च न्यायालय मेें जनहित याचिका दर्ज की है.
कोरोना के कारण किए गये लॉकडाउन शिथिल किए गये. अब शाला, महाविद्यालय, होटल्स, मॉल्स आदि कारभार पूर्व की तरह शुरू हो गया हैे. उसी प्रकार कोरोना की दोनों डोज लेनेवाले नागरिको को मुंबई लोकल में से यात्रा करने की छूट दी गई है. सभी सरकारी, निमसरकारी व निजी कार्यालय शुरू होने से नाशिक व पुणे से मुंबई में काम के लिए आनेवाले नौकर चाकरो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कारण मुंबई-नाशिक व पुणे-मुंबई दौरान दौड़नेवाली इंटरसिटी ट्रेन को मध्य रेल्वे ने अभी तक हरी झंडी नहीं दिखाई है. पश्चिम रेल्वे मार्ग पर सभी इंटरसिटी ट्रेन शुरू होने पर भी मध्य रेल्वे ने मुंबई-नाशिक, पुणे-नाशिक दौरान दौड़नेवाली इंटरसिटी ट्रेन शुरू नहीं की. मध्य रेल्वे के इस निर्णय के विरोध मेें रेल परिषद एनएक्स इस संगठन ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दर्ज की है.
नाशिक व मुंबई इन दोनों शहरों मेें अनलॉक किए जाने से मनमाड-मुंबई पंचवटी एक्सप्रेस की सेवा सुचारू की जाए. उसी प्रकार मुंबई-नाशिक, पुणे-मुंबई दौरान दौड़नेवाली सभी इंटरसिटी ट्रेन्स शुरू की जाए. इसके अलावा इस ट्रेन्स को महिलाओं के लिए व पास रहनेवाले यात्रियों के लिए विशेष डिब्बे जोड़े जाए, ऐसी मांग याचिका द्वारा की गई है. इस याचिका पर जल्द ही सुनवाई होगी.

यात्रियों की मुलभूत अधिकार पर बाधा

नाशिक व पुणे में हजारो यात्री उदरनिर्वाह के लिए मुंबई में आते हैे.मुंबई में रहनेवाले आर्थिक रूप से कमजोर नागरिक इन दोनों शहरो के लोग काम पर आने के लिए ट्रेन का सहारा लेते है. लॉकडाउन दौरान इस मार्ग पर इंटरसिटी ट्रेन बंद की गई थी. अब सभी कार्यालय, संस्था, आस्थापना शुरू होने से लोगों को काम पर जाना जरूरी हो गया है. पश्चिम रेल्वे से दौड़नेवाली सभी इंटरसिटी ट्रेन शुरू की गई है. किंतु मध्य रेल्वे से मुंबई-नाशिक व पुणे-मुंबई दौरान इंटरसिटी बंद रखकर यात्रियों की मूलभूत अधिकारों पर बाधा डाल दी है. ऐसा याचिका में कहा गया है.

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