महाराष्ट्र

स्वास्थ्य केंद्रों में नियुक्ति तत्काल करें

आदिवासी जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था बाबत सूचना

मुंबई-/दि.23  कुपोष और उससे होनेवाली बालमृत्यु के प्रश्न पर उपाय के रुप में आदिवासी जिले के अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर व वैद्यकीय अधिकारी व कर्मचारियों की नियुक्ति करने के लिए महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की तरफ से चयन प्रक्रिया पूर्ण हुई हो तो, अब राज्य सरकार व्दारा उनकी नियुक्तियां जल्द से जलद करने की सूचना मुंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को दी. साथ ही इस बाबत 12 दिसंबर को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए.
बंडू साने, डॉ. राजेंद्र वर्मा आदि ने कुपोषण मामले को लेकर दायर की जनहित याचिका अनेक साल से प्रलंबित हैं. राज्य में आदिवासी नागरिकों की बडी संख्या रहे जिलों के 11 संवेदनशील क्षेत्र है, जहां वैद्यकीय सुविधा काफी कम हैं. ऐसा बंडू साने ने 23 सितंबर को मुख्य न्यायमूर्ति दिपांकर दत्ता के नेतृत्व वाली खंडपीठ के प्रकाश में ला दिया था. साथ ही एड. उदय वारुंजीकर व अन्य वकिलों ने अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर तथा वैद्यकीय अधिकारी तथा कर्मचारियों की रिक्त पदों की संख्या की तरफ सरकार की रिपोर्ट के आधार पर ध्यान केंद्रित किया था. बालरोतज्ञ, स्त्रीरोगतज्ञ, नेत्र विशारद, शल्य विशारद, दंत शल्य विशारद, अस्थीरोगतज्ञ आदि गुट-अ के डॉक्टरों सहित श्रेणी-1 के वैद्यकीय अधिकारियों की कमी रहने की बात अदालत के ध्यान मेें ला दी थी. श्रेणी-1 के वैद्यकीय अधिकारी तथा गुट-अ के डॉक्टर के मंजूर पदों में से 62 प्रतिशत और श्रेणी-2 के वैद्यकीय अधिकारियों के मंजूर पदों में से 84 प्रतिशत पद रिक्त रहने की बात रिपोर्ट के जरिए सामने आई थी. इसे गंभीरता से लेते हुए खंडपीठ ने एमपीएससी को इस प्रकरण में प्रतिवादी कर जानकारी मांगी थी. इसके मुताबिक एमपीएससी के अपर सचिव भालचंद्र माली ने पिछले सप्ताह में शपथ पत्र के जरिए चयन प्रक्रिया की सूची प्रस्तुत कर नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूर्ण करने का वचन दिया.
आदिवासी कल्याण विभाग के प्रधान सचिव व्दारा आदिवासी इलाकों में प्रत्यक्ष परिस्थिति जान लेने और कुपोषण व बालमृत्यु के पीछे की समस्या समझकर उचित उपाय योजना करने के खंडपीठ ने 13 अक्तूबर के आदेश में स्पष्ट किया था. लेकिन सचिव को आदिवासी इलाके में भेंट देना अभी तक संभव न होने के कारण थोडा समय देने का अनुरोध सरकारी वकील नेहा भिडे ने सोमवार की सुनवाई में खंडपीठ से किया. इसे खंडपीठ ने मान्य किया हैं. इसी समय डॉक्टर की नियुक्ति का प्रलंबित प्रश्न हल करने का अनुरोध एड. वारुंजीकर ने किया. इसके मुताबिक डॉक्टर व वैद्यकीय अधिकारी-कर्मचारियों की नियुक्तियां जल्द से जल्द करने व 12 दिसंबर की सुनवाई मेंं करने इस बाबत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश खंडपीठ ने सरकार को दिए.

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