* डॉ. कारुण्यकारा ने दी थी चुनौती
नागपुर/दि.29– बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलगुरु पद का अतिरिक्त कार्यभार आईआईएम नागपुर के संचालक डॉ. भीमराव मेत्री को सौंपने के निर्णय को खारिज कर दिया है. इसे राष्ट्रपति के लिए बडा धक्का माना जा रहा है. डॉ. मेत्री की नियुक्ति को विवि के प्रा. डॉ. लेला कारुण्यकारा ने कोर्ट में ललकारा था. न्या. अनिल किलोर और न्या. एम. एस. जवलकर की खंडपीठ ने उपरोक्त फैसला दिया.
याचिका के अनुसार हिंदी विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रा. रजनीश कुमार शुक्ला ने गत 14 अगस्त 2023 को त्यागपत्र दिया था. राष्ट्रपति ने डॉ. शुक्ला का त्यागपत्र मंजूर कर हिंदी विवि के कुलगुरु पद का अतिरिक्त प्रभार डॉ. भीमराय मेत्री को सौंपा था. डॉ. कारुण्यकारा ने याचिका दायर की थी. उनकी याचिका पर हाईकोर्ट ने कुलपति के रुप में राष्ट्रपति को नोटीस भेजी थी.
गुरुवार को खंडपीठ में सुनवाई दौरान डॉ. कारुण्यकारा की याचिका मान्य की गई. उनकी ओर से एड. फिरदौस मिर्जा ने पक्ष रखा. केंद्र सरकार की ओर से डेप्यूटी सॉलिसिटर जनरल एड. नंदेश देशपांडे ने पक्ष रखा.
* क्या था दावा?
डॉ. कारुण्यकारा ने कानून के अनुसार कुलगुरु द्वारा पद से त्यागपत्र देने पर प्र-कुलगुरु की कुलगुरु पद पर नियुक्ति करनी चाहिए, ऐसा दावा याचिका में किया था. प्रा. शुक्ला के इस्तीफें के बाद प्र-कुलगुरु पद पर किसी की नियुक्ति नहीं हुई. इस कारण कुलगुरु पद पर नियुक्ति होने तक वरिष्ठ प्राध्यापक की नियुक्ति करना आवश्यक है.
* नई नियुक्ति का निर्णय करें
हाईकोर्ट ने आदेश में राष्ट्रपति को कानून 2 (7) के प्रावधानों के अनुसार हिंदी विद्यापीठ के कुलगुरु की नियुक्ति करने कहा है.