महाराष्ट्र

टेक ऑफ का रहा अप्रैल ‘फुल’

40 हजार विमानों ने भरी उडान

उडानों की अब तक सर्वाधिक संख्या
मुंबई/दि.11 – कोविड की महामारी का विकराल दौर खत्म होने के बाद सभी प्रतिबंधों को शिथिल किया गया. जिसके चलते हर तरह के व्यवहारों हेतु खुला आसमान उपलब्ध हुआ. विमान यात्रा के मामले में तो यह बात पूरी तरह से सही साबित हुई. अप्रैल माह के आंकडों को देखते हुए ऐसा स्पष्ट होता है. क्योंकि अप्रैल माह के दौरान भारतीय हवाई क्षेत्रों में करीब 40 हजार विमानों ने उडान भरी. कोविड काल के बाद यह अब तक की सर्वाधिक संख्या है. इसके साथ ही अप्रैल माह के दौरान ही देशांतर्गत शहारों व विदेशों में जाने वाले भारतीय विमान यात्रियों की संख्या 4 लाख 50 हजार के आसपास रही. जिसके जारी वर्ष के अंत तक बडी आसानी के बाद 6 लाख के आंकडें को सहज तरीके से पार कर लेने का अनुमान है.
केंद्रीय हवाई यातायात मंत्रालय द्बारा अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित की गई जानकारी के अनुसार भारतीय हवाई क्षेत्र से होने वाले हवाई यातायात के आंकडे व ब्यौरे सामने आए है. जिससे स्पष्ट होता है कि, अप्रैल माह में भारतीय हवाई क्षेत्र काफी व्यस्त रहा और एक माह के दौरान भारतीय हवाई क्षेत्र में 40 हजार विमानों में आसमान में उडान भरते हुए जमीन से टेक ऑफ किया.
* अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात में हिस्सेदारी
दिल्ली 38.7 फीसद
मुंबई 29.7 फीसद
चेन्नई 12.3 फीसद
हैदराबाद 10.1 फीसद
कोची 9.1 फीसद

* देश में सर्वाधिक व्यस्त हवाई रुट
दिल्ली से मुंबई
बंगलुरु से मुंबई
बंगलुरु से दिल्ली
कोलकाता से दिल्ली
दिल्ली से श्रीनगर

* सर्वाधिक व्यस्त अंतरराष्ट्रीय हवाई रुट
मुंबई से दुबई
दिल्ली से दुबई
दिल्ली से काठमांडू
दिल्ली से लंदन
दिल्ली से बैंकॉक

* विमान उडानों की स्थिति
– अप्रैल माह के दौरान देशांतर्गत विमान उडानों की संख्या 30 हजार के आसपास थी
– साथ ही अप्रैल माह के दौरान अंतरराष्ट्रीय रुट पर उडान भरने वाली विमानों की 10 हजार 920 फेरिया हुई.
* सर्वाधिक व्यस्त विमानतल
– दिल्ली के विमानतल को देश का सर्वाधिक व्यस्त विमानतल माना जाता है.
– कुल देशांतर्गत हवाई यातायात में 32.8 फीसद की हिस्सेदारी रखते हुए दिल्ली ने इस क्षेत्र में अपना पहला स्थान कायम रखा है.
– देशांतर्गत हवाई यातायात में 21.7 फीसद हिस्सेदारी के साथ मुंबई विमानतल दूसरे स्थान पर है.
– इसके साथ ही हवाई यातायात में बंगलुरु की 20.7 फीसद, हैदराबाद की 13.5 फीसद व कोलकाता की 11.4 फीसद हिस्सेदारी है.

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