मुंंबई/दि.30 – कोराना बनावटी टीकाकरण शिकायत की जांच करनेवाले पुलिस को इसकी भी जांच करनी चाहिए कि इसमें किन किन बड़े बोगस टीका लगाने वाले लोगों का समावेश है. ऐसा दिखाई देने पर उन्हें छोडे नहीं. इस मामले में प्रत्येक आरोपी को गिरफ्तार करे, ऐसा निर्देश उच्च न्यायालय ने मुंबई पुलिस को मंगलवार को दिया है.
बनावटी टीकाकरण किए जानेवाले नागरिको की प्रतिजैव जांच की जायेगी और उनके स्वास्थ्य पर कुछ प्रतिकूल परिणाम हुआ है कि इसकी भी पालिका जांच करेगी. ऐसा मुंबई महापालिका ने मुख्य न्या. दीपांकर दत्ता व न्या. गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ को मंगलवार को बताया. विगत सुनवाई में उच्च न्यायालय ने मुुंबई महापालिका को बनावटी लसीकरण हुए नागरिको के स्वास्थ्य पर ध्यान रखने के लिए क्या कदम उठाया जायेगा, ऐसा सवाल किया था. उस पर पालिका ने जानकारी न्यायालय को दी.
बनावटी टीकाकरण करनेवाले मास्टर माइंड डॉक्टर जेल में
कांदिवली बनावट टीकाकरण मास्टरमाइंड डॅा. मनीष त्रिपाटी की जमानत सोमवार को दिंडोशी सत्र न्यायालय ने रद्द की. उसनुसार उन्होंने मंगलवार को कांदिवली पुलिस थाने में आत्मसमर्पण किया. कांदिवली पुलिस थाने में मंगलवार की सुबह 12 के दौरान त्रिपाटी ने आत्मसमर्पण करने का उसके वकील एड. आदिल खत्री ने बताया. इस मामले में अभी तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. डॉ. त्रिपाटी की गिरफ्तारी के बाद यह संख्या अब 11 हो गई है. डॉ. त्रिपाटी की गिरफ्तारी के कारण अब यह बनावटी टीकाकरण की अनेक बातें उजागर होने में मदद मिलेगी, ऐसा वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है.
थाने में 116 लोगों का किया बनावटी टीकाकरण
मुंबई में जिस तरह से बनावटी टीकाकरण सामने आया था. उसके बाद गिरफ्तार किये गये उसी आरोपी ने थाने में भी उसी तरह से बोगस टीकाकरण किया, ऐसी जानकारी सामने आयी थी. उसनुसार इस संदर्भ में नोपाडा पुलिस थाने में शिकायत होने के बाद उस मामले में अधिक जांच करने पर लगभग 116 नागरिको का बोगस टीकाकरण करने की जानकारी सामने आयी है. इस टीकाकरण में 1 लाख 16 हजार की ठगी कर 4 लोगों को बोगस सर्टीफिकेट देने की जानकारी सामने आयी है.