महाराष्ट्र

विधानसभा चुनाव : 176 सीटों पर महागठबंधन में सहमति

10 दिनों में तय होगा सीटों का बंटवारा

* भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बावनकुले की जानकारी
नागपुर/दि.4– आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा महागठबंधन में 176 सीटों पर आम सहमति बन गई है. सीटों का बंटवारा 10 दिनों में तय होगा, ऐसी जानकारी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने उपस्थित पत्रकारों को दी. भाजपा नेता द्बारा कहा गया था कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने जल्द विधानसभा सीटों के बंटवारे की मांग की थी. जिसमें भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने पत्रकारों को जानकारी दी. नागपुर मेें मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के दूसरे चरण के कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवारसहित नेता उपस्थित थे. कार्यक्रम के दौरान तीनों ही प्रमुख नेताओं के बीच विधानसभा की सीटों पर चर्चा हुई. जिसमें बावनकुले ने कहा कि 176 सीटों पर गठबंधन के घटक दलों में किसी भी प्रकार का मतभेद नहीं है.
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बावनकुले ने कहां कि जिस विधानसभा क्षेत्र में घटक दल का सक्षम उम्मीदवार है. वहां हम एक कदम पीछे आयेंगे. बावनकुले ने आगे कहा कि विरोधियों द्बारा रोजाना तरह- तरह के आरोप किए जा रहे है. जिसमें विरोधियों का कहना है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जायेगा. इस तरह से झूठे आरोप लगाकर राज्य की जनता को भ्रमित करने का कार्य किया जा रहा है. 26 नवंबर के पश्चात विधानसभा के चुनाव आगे बढाए नहीं जा सकते उसके पूर्व ही विधानसभा के चुनाव करवाने होगे. चुनाव की घोषणा शीघ्र ही किए जाने की संभावनाए है. एकनाथ खडसे इस विषय में क्या बोले इसकी जानकारी मुझे नहीं है. उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपनी भूमिका स्पष्ट की थी और रक्षा खडसे को मदद भी की. आगे भी वो हमारे साथ रहेंगे. ऐसा विश्वास एकनाथ खडसे को लेकर बावनकुले ने व्यक्त किया.

* मुख्यमर्ंत्री पद के लिए उध्दव ठाकरे जोड रहे है हाथ
मुख्यमंत्री पद के लिए उध्दव ठाकरे महाविकास आघाडी के नेताओं के सामने हाथ जोड रहे है. ऐसा कटाक्ष करते हुए चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि उध्दव ठाकरे पर मुझे दया आ रही है. दो दिन दिल्ली में रहकर मुख्यमंत्री पद की भीख राहुल गांधी से उन्होंने मांगी. वही शरद पवार के भी सामने हाथ जोडकर भीख मांग रहे है. उध्दव ठाकरे कभी भी मुख्यमंत्री नहीं बन सकते. ऐसी परिस्थिति कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट) ने निर्माण कर रखी है. ऐसा बावनकुले ने कहा.

* जरांगे का आंदोलन राजनैतिक
जरांगे पाटिल का हम सम्मान करते है. शुरूआत मेंं उनका आंदोलन सामाजिक था. देवेन्द्र फडणवीस का किसी भी तरह का संबंध न होने पर भी वे सुबह से शाम तक उन्हें निशाना बना रहे है. जब कि मराठा समाज पर सबसे ज्यादा अन्याय शरद पवार ने किया. उनका नाम जरांगे पाटिल लेेते नहीं उनके सामाजिक आंदोलन की भूमिका अब बदल चुकी है. उनका आंदोलन राजनीति से प्रेेरित है, ऐसा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बावनकुले ने कहा.

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