महाराष्ट्र

लोकसभा के लिए विधानसभा का लॉलीपॉप

जून में होने वाले चुनाव पर कई दावेदारों की नजर

* रिक्त 11 सीटों के लिए जद्दोजहद
मुंबई/दि.24– महाराष्ट्र विधानसभा से विधान परिषद में चुनी जाने वाली 11 सीटों के लिए चुनाव जून में होंगे. लोकसभा चुनाव में विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में राजनीतिक समझौते के तहत कई को बडे नेताओं द्वारा विधान परिषद का लॉलीपॉप दिया जा रहा है. कहा जा रहा है कि लोकसभा में हमारी मदद करो, हम विधान परिषद में तुम्हे मौका देंगे. यदि कोई स्थानीय नेता स्थानीय राजनीतिक स्थिति के कारण विधान सभा में एडजस्ट नहीं कर पाता है, तो उसे विधान परिषद पर लेने का आश्वासन दिया जा रहा है.

*…तो कटेंगे कुछ मौजूदा विधायकों के पते!
कुछ जगहों पर संभावित विद्रोह को ठंडा करने के लिए, कुछ जगहों पर 40-50 हजार वोटों की ताकत रखने वाले नेता को अपने करीब रखने के लिए, आपसी सहमति बन रही है कि जून में विधान परिषद का चुनाव है, तुम्हें वहां एक मौका देंगे.
– 11 विधायकों की विधान परिषद की सदस्यता का कार्यकाल 27 जुलाई को समाप्त हो जाएगा. आमतौर पर यह चुनाव कार्यकाल ख़त्म होने से एक महीने पहले होता है. इसे ध्यान में रखते हुए 211 सीटों पर चुनाव जून के अंत तक होंगे. लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे, जिसके बाद 10 जून से विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू होगा.
-इस अधिवेशन के दौरान अथवा वह समाप्त होने के बाद तुरंत विधान परिषद का चुनाव होगा. विधायकी का आश्वासन जिन लोगों को दिया गया, अगर वास्तव में उन्हें मौका दिया गया तो मौजूदा 11 विधायकों में से कुछ को दोबारा मौका नहीं मिल सकता है.

* विधान परिषद का संख्या बल
-कांग्रेस, विधान परिषद की कुल सदस्य संख्या 78 है. राज्यपाल ने 12 को नियुक्त किया, सीटें अभी तक नहीं भरीं.
– स्थानीय निकायों से विधान परिषद में भेजी जाने वाली नौ सीटें पहले से ही खाली हैं. 10 सीटें जल्द ही रिक्त होने वाली है.
– इन 20 सीटों पर स्थानीय संस्थानों से चुने गए विधायक और शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों से चुने गए विधायक शामिल हैं.

* इन विधायकों का कार्यकाल 27 जुलाई को खत्म हो जाएगा.
बाबा दुर्राणी (अजित पवार गट), वजाहत मिर्झा, डॉ. प्रज्ञा सातव और(कांग्रेस), मनीषा कायंदे (शिंदेसेना).. अनिल परब (उद्धवसेना), भाई गिरकर, निलय नाइक, रमेश पाटिल, रामराव पाटिल (भाजपा), जयंत पाटिल (शेकाप) और महादेव जानकर (रासप).

* इस प्रकार होता है वोटों का कोटा
– विधानसभा के विधायक या विधान परिषद चुनाव में मतदाताओं का समावेश होता है. जीत के लिए कितने वोट जरूरी है, इसका कोटा निश्चित किया जाता है.
-प्रत्यक्ष मतदान में वैध वोटों के फार्मूले द्वारा निर्धारित किया जाता है, जिसे 100 से गुणा करके रिक्त सीटों से विभाजित किया जाता है, प्लस 2 इस सूत्र नुसार यह कोटा निश्चित किया जाता है. विधानसभा में महायुति की ताकत को देखते हुए वे 19 में से 8 सीटें जीत सकते हैं.

* कुछ विधायक लोकसभा चुनावी मैदान में
-इस बार कुछ विधायक लोकसभा चुनाव लड रहे है. इसमें जिन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है और वह विधानसभा अध्यक्ष द्वारा यदि लोकसभा स्वीकृत है,अगर वे चुनाव हार जाते हैं तो किसी भी सदन के वे सदस्य नहीं बन सकते. हालांकि, लोकसभा चुनाव लड रहे अधिकांश विधायकों ने विधायक पद से इस्तीफा दिया नहीं है.
-अगर वे जीते तो विधायक के रूप में स्थायी रहना है या सासंद के रूप में इस बात का निर्णय उन्हें नई लोकसभा का कार्यकाल शुरु होने के 14 दिनों के भीतर करना होगा.
– अशोक चव्हाण ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है, वह अब राज्यसभा के सदस्य हैं. गोवर्धन शर्मा, अनिल बाबर और राजेंद पाटनी इन विधानसभा सदस्यों का निधन हो गया है. इसे ध्यान में रखते हुए वोट कोटे की गणना की जाएगी.

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