औरंगाबाद नामांतरण मामले को गंभीरता से नहीं लेता : पवार
मुंबई/दि.16 – औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर अडी शिवसेना को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने तगडा झटका दिया है. शुक्रवार को पवार ने कहा कि, मैं औरंगाबाद के नामांतरण के मामले को गंभीरता से नहीं लेता. इसलिए मैंने इस मुद्दे पर अब तक बयान भी नहीं दिया.
शुक्रवार को यशवंतराव चव्हाण सेंटर में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने कहा कि, औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नामांतरण के मुद्दे पर महाविकास आघाडी में कोई विवाद नहीं है. आप औरंगाबाद कहिए. उस्मनाबाद को धाराशिव कहिए या फिर और कुछ बोलिए. मैं इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लेता हूं. इससे पहले मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल पर औरंगाबाद को संभाजीनगर और उस्मनाबाद को धाराशिव लिखा गया था. जिसका कांग्रेस ने विरोध किया था लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने समर्थन किया था. मुख्यमंत्री ने कहा था कि, मुगल शासक औरंगजेब सेक्युलर नहीं था. इसलिए महाविकास आघाडी सरकार के सेक्युलर एजेंडे में औरंगजेब फिट नहीं बैठता.
कोरोना के टीका पर जनता का विश्वास बढाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे पहले टीका लगवाने की हो रही मांग पर पवार ने कहा कि यदि मुझे टीका मिला तो मैं तुरंत जाकर टीका लगवा लूंगा. पवार ने कहा कि, कोरोना के टीके के लिए गलतफहमी पैदा करने की जरुरत नहीं है. पुणे की सीएम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया अंतर्राष्ट्रीय स्तर बेहतर काम करने वाली संस्था है. देश की यह संस्था पूरे विश्व को रास्ता बताने में सफल हो रही है. मैं संस्था पर शंका नहीं करुंगा.
इस दौरान पवार ने कहा कि, किसानों के आंदोलन को लेकर लेफ्ट समेत दूसरे दलों के नेताओं से बातचीत जारी है. कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति को लेकर किसानों की शिकायत है. इन शिकायतों को आधार नजर आ रहा है. इसलिए हम लोग सोचेंगे कि आगे क्या करना है. आंदोलन को खत्म करने के लिए रास्ता निकालने की जरुरत है.
एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि, अयोध्या में राम मंदिर के लिए चंदा जुटाने के काम में राज्य के राज्यपाल भी शामिल हो रहे हैं. ऐसी खबरे आ रही है. यदि यह सच बात है तो बहुत ही अजब है. पवार ने कहा कि, राज्यपाल प्रदेश के प्रमुख हैं. जिस मुद्दों को लेकर उलट-सुलट चर्चा शुरु है, ऐसी स्थिति में राज्यपाल प्रदेश के प्रमुख है. जिस मुद्दों को लेकर उलट-सुलट चर्चा शुरु है, ऐसी स्थिति में राज्यपाल को थोडा दूर रहना समझदारी का लक्षण है.