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छेडछाड का केस दर्ज होते ही आव्हाड का इस्तीफा अस्त्र

राकांपा कार्यकर्ता बिफरे

* प्रदेश की सियासत में हलचल
* अंजलि दमानिया बोली सरासर गलत केस
मुंबई/दि.14 – राकांपा के चर्चित नेता तथा मुंब्रा के विधायक जीतेंद्र आव्हाड ने पुलिस द्बारा भाजपा की एक पदाधिकारी की शिकायत पर उनके खिलाफ छेडछाड का केस दर्ज होते ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा के कारण प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया है. राकांपा के तमाम नेता और कार्यकर्ता आव्हाड का समर्थन कर रहे है. कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह प्रदर्शन भी किये. उसी प्रकार आव्हाड के विरुद्ध शिकायत देने वाली महिला पर भी एक्ट्रोसिटी की शिकायत दर्ज किये जाने की खबर है. इस बीच आम आदमी पार्टी की लीडर रही अंजलि दमानिया ने अप्रत्याशित रुप से आव्हाड पर दर्ज केस को षडयंत्र बताया. दमानिया ने कहा कि, उन्होंने वह वीडियो 10 बार देखा है. एक बार भी नहीं लगता कि, आव्हाड ने छेडछाड के उद्देश्य से उस महिला को हटाया. अधिकांश लोगों ने भी उस वीडियों के आधार पर यहीं भूमिका जतलाई है.
* केस होते ही त्यागपत्र का ऐलान
जीतेंद्र आव्हाड पर वर्तक नगर पुलिस ने विवियाना मॉल में मारपीट करने के प्रकरण में गिरफ्तार किया था. गत शनिवार को कोर्ट से उन्हें जमानत पर रिहा किया गया. 72 घंटे के अंदर उनके विरुद्ध महिला रिदा रशीद ने शिकायत दी. जिसके बाद विनयभंग की धारा 354 के तहत अपराध दर्ज किया गया. जिससे गुस्साएं आव्हाड ने समाज माध्यम पर अपने विधायक पद से त्यागपत्र की घोषणा कर दी. उन्होंने कहा कि, लोकतंत्र बिल्कुल खतरे में आ गया है. पुलिस के अत्याचार के विरुद्ध लडूंगा. लोकतंत्र की हत्या होते नहीं देख सकता.
* ठाने में अनेक जगह प्रदर्शन
राकांपा नेता के त्यागपत्र की घोषणा पर जोरदार प्रतिक्रिया हुई. ठाणे में उनके समर्थक सडकों पर उतर आये. जगह-जगह टायर जलाकर रास्ता रोको आंदोलन करते हुए कार्यकर्ताओं ने केस रद्द करने की मांग की. अपने नेता आव्हाड का जोरदार समर्थन करते हुए कार्यकर्ता हिंसा पर आमादा नजर आ रहे थे.
* सोशल मीडिया पर वीडियो
रिदा रशीद द्बारा जिस घटना का उल्लेख शिकायत में किया गया है, वह एमएमआरडीए के ठाणे और कलवा तीसरे पुल लोकार्पण समारोह के बाद का है. इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया. जिसमें आव्हाड कुछ कहते हुए उस महिला को एक तरफ करते हैं. मुख्यमंत्री शिंदे कार में बैठे दिखाई दे रहे हैं.
* क्या कहा शिकायत में
रिदा रशीद ने शिकायत और मीडिया बयान में कहा कि, एनसीपी के विधायक जीतेंद्र आव्हाड ने मुझे सरेआम बेइज्जत किया, मुझे हाथ से पकडकर धक्का दिया, कहा तू यहां क्या कर रही है. मैं एक महिला हूं इस तरह महिला का अपमान सरेआम किया जा रहा है. पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई की मांग रिदा रशीद ने की.
* पत्नी भी आई मैदान में
जीतेंद्र आव्हाड की पत्नी ऋता आव्हाड ने इस प्रकरण में छलांग लगाते हुए आक्रमक प्रतिक्रिया दी. वे बोली कि, आव्हाड पर आरोप सिद्ध नहीं हुए, तो वे पुलिस को भी कोर्ट में घसीटेंगी. उन्होंने कहा कि, आव्हाड ने सिर्फ महिला को एक तरफ किया. यह सभी देख रहे है. सरकार की विपक्ष को हताश करने की साजिश लगती है. कोई अन्य मार्ग नहीं दिखा, तो महिला का उपयोग करने का आरोप ऋता आव्हाड ने किया. उन्होंने यह भी कहा कि, 2-3 जगह स्क्रीन लगाकर वह वीडियों दिखाया जाएगा.
* अंजलि दमानिया का कहना
आप नेता अंजलि दमानिया ने उक्त महिला केे आरोपों को साफ नकारा. उन्होंने कहा कि, इस वीडियो को उन्होंने दस बार देखा है. छेडछाड के मकसद से आव्हाड ने महिला को नहीं हटाया. यह मामला आव्हाड को जानबूझकर फंसाने का लगने का आरोप भी दमानिया ने किया. दमानिया ने यह भी कहा कि, प्रदेश मेें बहुत निचले स्तर की राजनीति हो रही है. विवियाना मॉल प्रकरण में नहीं बोलती. आव्हाड पर हुए आरोप हेतु पुरस्कर है. नीच और घटीया दर्जे की राजनीति शुरु है.

* पार्टी को इस्तीफा नामंजूर- पाटील
राकांपा प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील ने आव्हाड का त्यागपत्र पार्टी को बिल्कुल मंजूर नहीं होने की बात कहते हुए आरोप लगाया कि, उक्त महिला पहले मुख्यमंत्री से मिली. उसके बाद उसने विनयभंग की शिकायत दर्ज करवाई, यह आव्हाड को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है. लोगों को इसका मतलब बराबर समझ गया है. पाटील ने कहा कि, सरकार पुलिस का बेजा इस्तेमाल कर रही है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री की आंखों के सामने जीतेंद्र आव्हाड भीड से रास्ता बनाते हुए जा रहे थे, उस समय यह मामला हुआ. उसमें विनयभंग की भावना या कृति नजर नही आती. पुलिस ने भी सोचना चाहिए कि, किसका कितना सुना जाये. पाटील ने कहा कि, फिलहाल प्रदेश में आव्हाड विरुद्ध एकनाथ शिंदे ऐसी स्थिति है. आव्हाड पर कार्रवाई के बाद उनकी लोकप्रियता बढ रही है. इससे भविष्य में सरकार की मुश्किल बढ सकती है.

* त्यागपत्र उत्तर नहीं
राकांपा की नेत्री तथा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि, जीतेंद्र आव्हाड एक भावना प्रधान और संवेदनशील व्यक्ति है. उन्हें त्रास होना स्वाभाविक है. मगर त्यागपत्र ऐसी घटनाओं का उत्तर नहीं. आव्हाड त्यागपत्र न दें, वे एक अच्छे जनप्रतिनिधि है. सुले ने कहा कि, आव्हाड को सभी आदर्श विधायक के रुप में जानते है. मुंब्रा के लोगों का पूरा भरोसा उनके साथ है. वे अच्छा काम कर रहे हैं. सुले ने भी कहा कि, उन्होंने 5 बार वीडियो देखा. यह घटना मुख्यमंत्री की गाडी के पास हुई है. उन्होंने मेरे सहयोगी श्रीकांत को भी ऐसे ही हाथ लगाकर हटाया. उसी प्रकार इस महिला को भी हटाया.

* ऐसा विचार भी न लाएं- पवार
विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि, आव्हाड राजीनामा देने का विचार भी मन में न लाएं. यह सब सरकार की दबावशाही व हुकूमशाही का परिचायक है. पुलिस का बेजा इस्तेमाल हो रहा है. पवार ने कहा कि, हम सभी शरद पवार के मार्गदर्शन और नेतृत्व में काम करते है. जिन्होंने जीवन में अनेक उतार-चढाव देखे हैं. कभी सत्ता में तो कभी विरोधी पक्ष. ऐसी अनेक घटनाएं होती रहती है. अजित पवार ने शिंदे और फडणवीस की सरकार पर सवाल उठाए.

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