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बच्चू कडू का मोबाइल भी 60 दिनों तक किया गया था टेप

* 18 सितंबर से 14 नवंबर 2017 तक की गई थी मोबाइल कॉल की रिकॉर्डिंग
* तब बच्चू कडू थे विधायक, उन्हें नशिले पदार्थों में लिप्त व्यक्ति दर्शाया गया था
पुणे/दि.1– मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त रैकेट का पर्दाफाश करने के वजह को आगे करते हुए पुणे की तत्कालीन पुलिस आयुक्त रश्मी शुक्ला ने राज्य के कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों के मोबाइल फोन की करीब 60 दिनों तक टैपिंग की थी और रिकॉर्ड किये गये कॉल का डेटा तत्कालीन सत्तापक्ष को सौंपा गया था. इसके तहत उस समय विधायक रहने वाले बच्चू कडू के मोबाइल फोन भी 18 सितंबर से 14 नवंबर 2017 तक टैपिंग की गई थी. ऐसी जानकारी सामने आयी है. साथ ही 4 लोगों के 6 मोबाइल नंबरों को टैपिंग हेतू भेजते समय कस्टमर अ‍ॅप्लिकेशन फार्म यानि सीएए नहीं भेजा गया था. ऐसे में तत्कालीन अपर गृहसचिव को यह पता ही नहीं चल पाया कि, हकीकत में यह नंबर किसके पास है. वहीं अब यह भी पता चला है कि, इन जनप्रतिनिधियों के नंबर खुद उनके नाम पर नहीं है. बल्कि उन्होंने अलग-अलग लोगों के नाम पर सिमकार्ड खरीदे थे. ऐसे में पुलिस द्बारा मोबाइल फोन टैपिंग के लिए दी गई मादक पदार्थों की तस्करी वाले रैकेट की वजह पर किसी को संदेह भी नहीं हुआ. लेकिन अब पता चला है कि, उस दौरान तत्कालीन विधायक बच्चू कडू, नाना पटोले, संजय काकडे व आशिष देशमुख इन चार लोगों के 6 मोबाइल क्रमांकों की टैपिंग की गई थी.
बता दें कि, गैरकानूनी तरीके से फोन टैपिंग किये जाने के मामले में पुणे की पूर्व पुलिस आयुक्त रश्मी शुक्ला के खिलाफ बंड गार्डन पुलिस थाने में तार अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया गया. जिन पर आरोप है कि, उन्होंने राज्य गुप्तवार्ता विभाग की आयुक्त रहते समय कई राजनेताओं के फोन टैप करते हुए उनकी बातचित का ब्यौरा तत्कालीन भाजपा सरकार के वरिष्ठ नेताओं को उपलब्ध कराया था. यह मामला उजागर होने के बाद इसकी जांच करने हेतु तत्कालीन पुलिस महासंचालक संजय पांडे की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति नियुक्त की गई थी. जिसके द्बारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर अब इस मामले में अपराध दर्ज किया गया है. पता चला है कि, फोन टैपिंग करते समय किसी को भी संदेह न हो, इस हेतु कुछ नेताओं को कोड नेम दिये गये थे. साथ ही बच्चू कडू, नाना पटोले व आशिष देशमुख को मादक पदार्थों की विक्री में लिप्त व्यक्ति दर्शाया गया था. वहीं संजय काकडे को कुख्यात बापू नायर टोली का सदस्य बताते हुए इन सभी लोगों के मोबाइल की लगातार 60 दिनों तक टैपिंग की गई थी.
जैसे जैसे फोन टैपिंग मामले की जानकारियां सामने आ रही है, वैसे वैसे राज्य की राजनीति में हडकंप तेज होता जा रहा है.

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