बच्चु कडू व राजकुमार पटेल हैं एकनाथ शिंदे के साथ
प्रहार के दोनों निर्दलीय विधायक हैं गुवाहाटी में
* बच्चु कडू ने किया कई कांग्रेसी विधायकों से संपर्क रहने का दावा
* कांग्रेस के कई विधायक भी पाला बदलने के लिए बताये तैयार
* कडू के दावे से कांग्रेस सहित आघाडी में हडकंप
मुंबई/दि.22- शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे द्वारा बगावत किये जाने के चलते शिवसेना के साथ-साथ राज्य की महाविकास आघाडी सरकार दो-फाड होने की कगार पर है. शिंदे ने जहां एक ओर शिवसेना के करीब दो-तिहाई विधायकों को अपने पाले में करते हुए बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है. वहीं एकनाथ शिंदे का साथ दे रहे निर्दलीय विधायक व राज्यमंत्री बच्चु कडू ने अपने सहयोगी विधायक राजकुमार पटेल के साथ गुवाहाटी पहुंचते हुए दावा किया कि, उनके संपर्क में निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ शिवसेना व कांग्रेस के भी कई विधायक है. राज्यमंत्री बच्चु कडू द्वारा किये गये इस दावे की वजह से अब राज्य की राजनीति में और भी अधिक खलबली मच गई है.
उल्लेखनीय है कि, एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए राज्यमंत्री बच्चु कडू ने साफ तौर पर कहा कि, वे इस समय गुवाहाटी में है. जहां पर आज महाविकास आघाडी सरकार के सभी बागी विधायकों की बैठक होनेवाली है और आज रात तक पूरी स्थिति स्पष्ट हो जायेगी. जिसके बाद अगली योजना तय की जायेगी. राज्यमंत्री बच्चु कडू द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस समय गुवाहाटी में एकत्रित शिवसेना तथा निर्दलीय विधायकों की संख्या 36 है और यहां पर जल्द ही तीन से चार विधायक भी आनेवाले है. जिसके बाद यह आंकडा बढकर 39 हो जायेगा. वहीं कांग्रेस के भी कुछ विधायक अपने संपर्क में रहने की बात कहते हुए राज्यमंत्री बच्चु कडू ने दावा किया कि, कुछ और निर्दलीय विधायकों सहित कांग्रेस विधायकों के साथ आ जाने के बाद उनके पास कुल संख्याबल 50 तक जा पहुंचेगा.
* सेना ने हमेशा ही हमारी अनदेखी की
राज्यमंत्री बच्चु कडू ने बताया कि, विधानसभा में प्रहार जनशक्ति के दो विधायक है और हमने शिवसेना को समर्थन दिया था, लेकिन सरकार बनने के बाद शिवसेना ने हमेशा ही हमारी अनदेखी करते हुए निधी वितरण में भेदभाव किया. इस बारे में अनेकों बार आघाडी के नेताओं का ध्यान दिलाया गया, लेकिन इस सरकार में हम जैसे निर्दलीय विधायकों की बात तो दूर, खुद सेना विधायकों की बात भी नहीं सुनी जा रही थी. जिसके परिणामस्वरूप सेना विधायकों द्वारा बगावत कर दी गई. जिसके लिए पूरी तरह से शिवसेना का पार्टी नेतृत्व जिम्मेदार है. साथ ही उन्होंने यह दावा भी किया कि, इस समय भाजपा के कई वरिष्ठ नेता हमारे संपर्क में है और भविष्य की राजनीति को लेकर बागी विधायकों की भाजपा नेताओं के साथ चर्चा चल रही है.