मुंबई/दि.15 – बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस परिपत्र पर रोक लगा दी है, जिसके तहत एमबीए व एमएमएस पाठ्यक्रम में उन्हीं छात्रों को प्रवेश देने की बात कही गई थी, जिन्होंने महाराष्ट्र स्टेट कॉमन इंट्रेंस टेस्ट (एमएस सीईटी), सीमैट व कैट की परीक्षा पास की है. हाईकोर्ट ने सरकार के 16 मार्च 2020 को इस परिपत्र को मनमानीपूर्ण बताया है. राज्य सरकार के इस परिपत्र के चलते एटीएमए, एक्सएटी, जीमैट की परीक्षा पास करनेवाले विद्यार्थी प्रबंधन के पाठ्यक्रम से वंचित हो गए थे. सरकार के इस परिपत्र के खिलाफ तीन विद्यार्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में परिपत्र को समानता के अधिकार के विपरीत बताया गया था. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने कहा कि, एडमिशन को लेकर सरकार परिपत्र तर्कसंगत होना चाहिए. यदि सरकार को प्रवेश से जुडी पात्रता के नियम में परिवर्तन करना था तो इसकी जानकारी अचानक देने की बजाय छात्रों को पहले देनी चाहिए थी. खंडपीठ ने कहा कि सरकार अपना यह परिपत्र अगले शैक्षणिक सत्र यानी साल 2021-22 से लागू करें.