महाराष्ट्र

पीओपी से गणेश मूर्ति के निर्माण पर पाबंदी

हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

मुंबई/दि.28- बॉम्बे हाई कोर्ट ने प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से मूर्तियां बनाने पर प्रतिबंध कायम रखा है. कोर्ट ने उश याचिका को खारिज कर दिया है. जिसमें पीओपी से गणेश चतुर्थी व नवरात्रि के दौरान मूर्तियां बनाने पर प्रतिबंध को लेकर जारी किए गए सुधारित दिशा-निर्देशों की वैधता को चुनौती दी गई थी.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मूर्ति विसर्जन को लेकर वर्ष 2010 में दिशा निर्देश जारी किये थे. इन्हें वर्ष 2020 में सुधारकर नए सिरे से जारी किया गया और पीओपी से मूर्तिया बनाने पर रोक लगा दी गई थी. इस फैसले को सामाजिक कार्यकर्ता अजय वैसपायन ने कोर्ट में चुनौती दी थी. याचिका में दावा किया गया था कि साल 2010 के दिशा निर्देश पर्याप्त थे. साल 2020 में पीओपी पर प्रतिबंध लगाकर नए सिरे से इस विषय पर सुधारित दिशा निर्देश जारी करने की जरुरत नहीं थी. पीओपी से मूर्ति बनाने पर रोक लगाने की जरुरत नहीं थी क्योंकि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत इसे घातक तत्व घोषित नहीं किया गया है. ऐसे में मूर्ति निर्माण पर रोक लगाने की बजाय ऐसी मूर्तियों के नैसर्गिक जल स्त्रोतों में विसर्जन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. याचिका में दावा किया गया था कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गुजरात सरकार द्वारा पीओपी से मूर्ति बनाने पर लगाई गई रोक को रद्द कर दिया था. उक्त याचिका सोमवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आई.
* पूछा- आषाढ़ी एकादशी के दौरान दुर्घटनाएं रोकने क्या करेगी सरकार
बॉम्बे हाई कोर्ट ने पूछा कि आगामी 10 जुलाई को पंढरपुर में आषाढ़ी एकादशी के दौरान कोई दुर्घटना न हो, इसके लिए एहतियात के तौर पर महाराष्ट्र सरकार क्या कदम उठाएगी? दरअसल, पंढरपुर में एक घाट टूटा है. इसकी मरम्मत की मांग को लेकर अधिवक्ता राकेश भाटकर के माध्यम से कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. वर्ष 2020 में पंढरपुर के एक घाट पर दीवार गिर गई थी. इस दुर्घटना में 6 लोगों की मौत हो गई थी. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई बुधवार को रखी है.

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